शिमला, तीन जुलाई (भाषा) आधुनिक युद्ध में नयी प्रौद्योगिकियों और ड्रोन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सेना प्रशिक्षण कमान (आर्ट्रैक) के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ’ लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2030 तक 33 विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाया जाएगा।
इस संबंध में जारी एक बयान के अनुसार, शर्मा ने यहां आर्ट्रैक अलंकरण समारोह 2025 की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सेना कमान प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाएगी और विकसित करेगी, ताकि अभियानों के दौरान तेजी से परिणाम प्राप्त करने के लिए सीखने और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सुविधा हो।
उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में अनुसंधान एवं विकास, बुनियादी ढांचे के विकास और प्रशिक्षण में 390 करोड़ रुपये की राशि निवेश करने की योजना है। शर्मा ने कहा कि यह पहल भारतीय सेना को भविष्य के दृष्टिकोण से तैयार सेना में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
विशिष्ट प्रौद्योगिकियां विशिष्ट तकनीकी समाधानों, उपकरणों या नवाचारों को संदर्भित करती हैं, जो व्यापक उद्योग के अंतर्गत विशिष्ट, प्रायः सीमित उद्देश्यों या बाजारों के लिए तैयार की जाती हैं।
शर्मा ने कहा, ‘‘15 प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठान 33 विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए विशेषज्ञता केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं और 2030 तक इन सभी प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए एक व्यापक योजना विकसित की गई है।’’
भाषा नेत्रपाल देवेंद्र
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