कोट्टायम (केरल), तीन जुलाई (भाषा) कोट्टायम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का एक हिस्सा बृहस्पतिवार को ढहने से एक महिला की मौत हो गई और एक बच्चे सहित दो लोग घायल हो गए। पुलिस ने यहां यह जानकारी दी।
घटना में 11 वर्षीय लड़की और अस्पताल का एक कर्मचारी घायल हो गया, दोनों को आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया।
महिला को दो घंटे से ज़्यादा समय बाद मलबे से बाहर निकाला गया और उसे मृत घोषित कर दिया गया। बाद में उसकी पहचान थालयोलापरम्बु निवासी बिंदु के रूप में हुई, वह अपनी बेटी के इलाज के लिए अस्पताल में थी।
घायल बच्ची की पहचान वायनाड के मीनांगडी की अलीना विंसेंट के रूप में हुई है। वह अपनी दादी के पास खड़ी थी, जिनका वार्ड 10 में इलाज किया जा रहा था।
वहीं अस्पताल के एक कर्मचारी अमल प्रदीप को निकासी के दौरान ट्रॉली की चपेट में आने से मामूली चोटें आईं।
अधिकारियों ने बताया कि ढहा हुआ हिस्सा ‘वार्ड 14’ के ‘बाथरूम कॉम्प्लेक्स’ का हिस्सा था।
अस्पताल प्राधिकारियों ने कहा था कि अस्पताल के इस हिस्से का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था, हालांकि बाद में वहां खड़ी एक महिला ने दावा किया कि इसका उपयोग हो रहा था।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज और सहकारिता मंत्री वी एन वासवन इमारत ढहने की सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि जो क्षतिग्रस्त हिस्सा है वह शौचालय क्षेत्र था हालांकि इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता था।
वहां मौजूद एक महिला ने मंत्री के दावे को नकारते हुए कहा कि यह कोई अप्रयुक्त क्षेत्र नहीं है। उसने पत्रकारों से कहा, ‘‘ किसी ने हमें वहां शौचालय इस्तेमाल नहीं करने के लिए नहीं कहा।’’
विपक्षी दल कांग्रेस ने मंत्रियों पर दुर्घटना को कमतर दिखाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोट्टायम के विधायक तिरुवंचूर राधाकृष्णन ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘ यह जांचने से पहले कि मलबे के नीचे कोई फंसा है या नहीं, मंत्रियों ने घटना की गंभीरता को कम करने की कोशिश की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इससे गंभीर लापरवाही उजागर होती है। महिला को दो से ढाई घंटे बाद बाहर निकाला जा सका।’’
कांग्रेस नेताओं ने बचाव अभियान शुरू करने में देरी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लापता महिला के रिश्तेदारों द्वारा चिंता जताए जाने के बाद ही खोज अभियान गंभीरता से शुरू किया गया।
मलबे की खोज के लिए अग्निशमन और पुलिस विभाग की बचाव टीमों को तैनात किया गया।
एहतियात के तौर पर वार्ड 10, 11 और 14 से लगभग 100 मरीजों और उनके आसपास के लोगों को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया।
मंत्री जॉर्ज और वसावन ने कहा कि छह वार्डों के मरीजों को नए बने सर्जिकल ब्लॉक में स्थानांतरित किया जाएगा और प्रभावित वार्ड को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजन खोबरागड़े भी मौके पर पहुंचे।
सांसद फ्रांसिस जॉर्ज, विधायक तिरुवंचूर राधाकृष्णन और चांडी ओमन सहित विपक्षी यूडीएफ नेताओं ने अस्पताल का दौरा किया।
महिला की मौत के बाद भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के इस्तीफे की मांग की।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार लोगों की जिंदगी से खेल रही है और उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में बढ़ती विफलताओं के लिए मंत्री को जिम्मेदार ठहराया।
इस बीच, यूडीएफ ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। यूडीएफ नेताओं ने कहा कि स्थिति से निपटने के तरीके में गंभीर खामियां थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि बचाव कार्य दो घंटे बाद ही शुरू हुआ और वह भी पीड़ित के रिश्तेदारों द्वारा चिंता जताए जाने के बाद ही। उन्होंने अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई न करने का भी आरोप लगाया।
घटना के बाद एहतियात के तौर पर लगभग 100 मरीजों को अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया।
घटनास्थल पहुंचे यूडीएफ नेताओं ने कहा कि घटना के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचे दोनों मंत्रियों ने घटना की गंभीरता को कमतर आंकने की कोशिश की।
उन्होंने दावा किया कि अगर बचाव अभियान समय पर शुरू हो जाता तो महिला की जान बच सकती थी
भाषा शोभना मनीषा
मनीषा