कोलकाता, तीन जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सिद्दीकुल्ला चौधरी बृहस्पतिवार को पूर्वी बर्धमान जिले में भीड़ द्वारा उनके काफिले पर किये गये हमले में बाल-बाल बच गये। पुलिस ने यह जानकारी दी।
जन शिक्षा विस्तार और पुस्तकालय सेवा मंत्री चौधरी ने 2021 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पूर्व बर्धमान जिले के मोंटेश्वर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनकी जान लेने की कोशिश की गई, क्योंकि स्थानीय पंचायत प्रधान के नेतृत्व में उनकी पार्टी के एक गुट से संबंधित भीड़ ने उनके वाहन पर पत्थर फेंके और ‘विंडस्क्रीन’ तोड़ दी, जिससे उनके हाथ में चोट लग गई।
चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, “स्थानीय पंचायत प्रधान रफीकुल इस्लाम शेख ने अपने समर्थकों के साथ मुझ पर जानलेवा हमला किया। स्थानीय प्रभारी निरीक्षक ने हमलावरों को तितर-बितर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। केवल मेरे साथ मौजूद सुरक्षाकर्मी ही मुझे बचाने आए।”
मंत्री ने प्रशासन से हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
शेख ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यह स्थानीय लोगों द्वारा स्वतःस्फूर्त काले झंडे दिखाने का प्रदर्शन था, जो भ्रष्ट मंत्री से नाराज थे, जिन्होंने मोंटेश्वर के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया था। चूंकि हम चाहते थे कि वे हमारी शिकायतें सुनें, इसलिए उनका काफिला तेजी से वहां से निकलने की कोशिश कर रहा था, जिससे उनके वाहन को कुछ नुकसान हो सकता था। हालांकि, वे हत्या के प्रयास के आरोप लगाकर नाटक कर रहे हैं।”
पुलिस ने काले झंडे दिखाने और मंत्री के काफिले पर पथराव की घटना की पुष्टि की और कहा कि घटना के बाद भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया तथा मंत्री को सुरक्षा में तैनात एक वाहन से मौके से ले जाया गया।
पुलिस ने बताया कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और इलाके में छापेमारी जारी है।
भाषा
प्रशांत मनीषा
मनीषा