कोलकाता, तीन जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भड़काऊ सोशल मीडिया सामग्री और साइबर अपराध के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और कड़े विधायी एवं नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया।
दो पन्ने के पत्र में सोशल मीडिया पर हाल ही में प्रसारित “भड़काऊ बयानों, भ्रामक सामग्री और फर्जी वीडियो” का जिक्र किया गया है, जिनके चलते “समाज के कुछ वर्गों में आपराधिक प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिला है।”
ममता ने लिखा, “इस तरह की सामग्री न केवल गलत सूचना फैलाती है, बल्कि सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, हिंसा भड़काने, सामाजिक सद्भाव में खलल डालने और महिलाओं के खिलाफ अपराध को बढ़ावा देने की भी क्षमता रखती है।”
उन्होंने कहा, “डिजिटल मंचों के दुरुपयोग की तात्कालिक और व्यापक प्रकृति इन प्रभावों को कई गुना बढ़ा देती है।”
इस साल अप्रैल में पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में संसद में पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों ने जल्द ही सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था।
वहीं, जून में कोलकाता के बाहरी इलाके में डायमंड हार्बर पुलिस जिले के अंतर्गत महेशतला में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। झड़पों में बंदरगाह क्षेत्र के उपायुक्त सहित लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
राज्य में रामनवमी समारोहों के दौरान हावड़ा और हुगली जैसे जिलों में भी सांप्रदायिक हिंसा हुई।
इन सभी घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया में ममता सोशल मीडिया पर झूठी एवं फर्जी सूचनाओं के प्रसार के बारे में मुखर रही हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे सूचनाओं के प्रसार ने आग में घी डालने का काम किया है।
शाह को लिखे अपने पत्र में ममता ने साइबर अपराध में खतरनाक वृद्धि के खतरे को भी उजागर किया। उन्होंने कहा, “इसकी (साइबर अपराधों की) जटिलता और हानिकारक प्रभाव, दोनों बढ़ रहे हैं।”
ममता ने लिखा, ‘वित्तीय धोखाधड़ी और पहचान की चोरी से लेकर ऑनलाइन उत्पीड़न और मानहानि तक, साइबर अपराध व्यक्तियों एवं संस्थानों पर समान रूप से गंभीर असर डाल रहे हैं।’
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट और साइबर अपराध, दोनों ही समाज के संवेदनशील वर्गों-महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को असमान रूप से प्रभावित करते हैं।
ममता ने भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट के प्रसार और साइबर अपराध पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कड़े विधायी उपाय लागू करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र और दुर्भावनापूर्ण तत्वों द्वारा अपनाए गए परिष्कृत तरीकों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनी ढांचे और इसके प्रवर्तन को और मजबूत करने की जरूरत है।’
ममता ने गृह मंत्री से संवेदनशील कार्यक्रमों, डिजिटल साक्षरता अभियानों और सामुदायिक सहभागिता पहलों के साथ-साथ जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पार्टी प्रमुख के पत्र का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘यह एक सामूहिक चुनौती है और सार्वजनिक व्यवस्था, राष्ट्रीय एकता तथा हमारे लोकतंत्र की अखंडता की रक्षा के लिए तत्काल एवं समन्वित कार्रवाई की जरूरत है।’
भाषा पारुल माधव
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