नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) केंद्र के ‘मिशन कर्मयोगी’ की एक टीम ने तेलंगाना के नौकरशाहों की कार्य क्षमता को बढाने के उपायों पर चर्चा के लिये प्रदेश का दौरा किया। बृहस्पतिवार को यहां एक सरकारी बयान में इसकी जानकारी दी गई।
सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2020 में राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम या मिशन कर्मयोगी की शुरूआत की गयी थी।
इसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ भारतीय लोकाचार पर आधारित भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा की भी परिकल्पना की गई है।
बयान में कहा गया कि क्षमता निर्माण आयोग और कर्मयोगी भारत की टीम ने बुधवार को हैदराबाद में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा से मुलाकात की।
इसमें कहा गया कि मिशन कर्मयोगी टीम (क्षमता निर्माण आयोग और कर्मयोगी भारत) ने बुधवार को हैदराबाद में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा से मुलाकात की।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक टीम ने प्रशासन, क्षमता निर्माण आयोग की सदस्य डॉ. अलका मित्तल और क्षमता निर्माण आयोग की निदेशक नवनीत कौर के नेतृत्व में राज्यपाल को राज्य में मिशन कर्मयोगी के चल रहे कार्यान्वयन से अवगत कराया।
राज्यपाल ने इस पहल के लिए टीम का समर्थन व्यक्त किया और राज्य में परिवर्तनकारी मिशन को आगे बढ़ाने के लिए उसका प्रोत्साहन किया।
इससे पहले मिशन कर्मयोगी टीम ने तेलंगाना सरकार के मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव और विभाग प्रमुखों के साथ बैठक की, ताकि राज्य में सरकारी कर्मचारियों के कार्य क्षमता बढाने के उपायों का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।
बयान के मुताबिक टीम ने मिशन कर्मयोगी का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें डिजिटल लर्निंग और योग्यता-आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से भविष्य के लिए तैयार नागरिक-केंद्रित सरकारी सेवा को विकसित करने के अपने दृष्टिकोण पर जोर दिया गया।
भाषा धीरज रंजन
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