नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष राजीव मेमानी ने बृहस्पतिवार को भारत और अमेरिका के बीच ‘संतुलित और उचित’ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि राजनीतिक प्रभाव वाले पेचीदा मसलों को बाद में निपटाया जा सकता है।
भारत पिछले कुछ महीनों से अमेरिका के साथ एक एफटीए को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम इस समय वाशिंगटन में है और नौ जुलाई की समयसीमा से पहले शुरुआती व्यापार समझौते पर बात कर रही है।
मेमानी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘उद्योग मंडल सीआईआई किस्तों में संपन्न किए जाने वाले एक संतुलित, उचित एफटीए की उम्मीद कर रहा है। वे क्षेत्र जो अधिक मुश्किल हैं, जिन पर अधिक परामर्श की जरूरत है और उनके अधिक राजनीतिक प्रभाव हैं, शायद उनसे बाद में निपट लिया जाएगा।’’
भारत संवेदनशील कृषि एवं डेयरी क्षेत्रों तक अमेरिका को पहुंच देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि कृषि क्षेत्र को खोलने से किसानों के हित खतरे में पड़ सकते हैं। इसके अलावा, भारत धार्मिक संवेदनशीलता के कारण डेयरी क्षेत्र को भी नहीं खोलना चाहता है।
सीआईआई अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय की तैयारी और उद्योग जगत के साथ हुई चर्चा से मैं अवगत हूं।… मुझे यकीन है कि भारतीय उद्योग, और खासकर कृषि जैसे कुछ क्षेत्रों के समक्ष मौजूद चुनौतियों का अच्छी तरह ध्यान रखा जाएगा।’’
उन्होंने दुर्लभ खनिज चुंबक के निर्यात पर चीन की रोक एवं भारतीय वाहन उद्योग पर उसके असर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह वाहन क्षेत्र के लिए एक ‘बड़ी चिंता’ का विषय है।
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि भारत में ‘महत्वपूर्ण आपूर्ति शृंखला निर्भरता’ वाले क्षेत्रों पर गौर करने की जरूरत है जिनमें दवा क्षेत्र भी शामिल है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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