नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने बृहस्पतिवार को कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस के ऋण खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने के भारतीय स्टेट बैंक के कदम से उनके कामकाज और वित्तीय प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दोनों कंपनियों ने अलग-अलग शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इस घटनाक्रम से उनके शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य संबंधित पक्षों पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कंपनियों ने कहा कि वे अलग और स्वतंत्र सूचीबद्ध इकाइयां हैं जिनका रिलायंस कम्युनिकेशंस से कोई कारोबारी या वित्तीय संबंध नहीं है।
इसके अलावा, अनिल डी. अंबानी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के निदेशक मंडल में नहीं हैं।
आर इन्फ्रा और आर पावर ने कहा कि ऐसे में रिलायंस कम्युनिकेशंस के संबंध में की गई किसी भी कार्रवाई का संचालन, प्रबंधन या परिचालन पर कोई असर या प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा था कि उसने संकटग्रस्त दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के ऋण खाते को ‘धोखाधड़ी’ वाले खाते के रूप में वर्गीकृत करने और इसके पूर्व निदेशक… अनिल अंबानी का नाम भारतीय रिजर्व बैंक को रिपोर्ट करने का फैसला है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से इस संबंध में 23 जून, 2025 का एक पत्र मिला है।
सूचना के अनुसार, रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसकी अनुषंगी कंपनियों को बैंकों से कुल 31,580 करोड़ रुपये का कर्ज मिला था।
बैंक की ‘धोखाधड़ी पहचान समिति’ को कर्ज के निर्धारित कार्यों से अलग दूसरे कामों में उपयोग किये जाने का पता चला है।
भाषा रमण अजय
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