नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का चीनी क्षेत्र 1.3 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बन गया है और यह ग्रामीण समृद्धि और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा दे रहा है।
मंत्री ‘सहकारी चीनी उद्योग सम्मेलन 2025’ और ‘राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार समारोह’ को संबोधित कर रहे थे।
जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत का चीनी क्षेत्र 1.3 लाख करोड़ रुपये (वार्षिक) का उद्योग बन गया है, जो रिकॉर्ड एथनॉल मिश्रण और ईंधन में आत्मनिर्भरता जैसे सुधारों के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि, ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है।’’
उन्होंने कहा कि यह देखना प्रेरणादायक है कि कैसे इस क्षेत्र का विकास भारत के लिए एक टिकाऊ, आत्मनिर्भर भविष्य को आकार दे रहा है।
इस कार्यक्रम का आयोजन नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड द्वारा किया गया था। इसकी स्थापना वर्ष 1960 में भारत में एक मजबूत और जीवंत सहकारी चीनी क्षेत्र के निर्माण के लिए की गई थी।
देशभर की सभी सहकारी चीनी मिलें और राज्य सहकारी चीनी संघ इसके सदस्य हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अनुकूल नीतिगत पहल की मदद से मोदी सरकार के पिछले 11 वर्षों में भारत की एथनॉल उत्पादन क्षमता चार गुना से अधिक होकर 1,810 करोड़ लीटर सालाना हो गई है।
बढ़ी हुई स्थापित उत्पादन क्षमता के साथ, पेट्रोल के साथ एथनॉल का मिश्रण वर्ष 2013 के 1.53 प्रतिशत से बढ़कर अब लगभग 19 प्रतिशत हो गया है, जिससे विदेशी मुद्रा में 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की भारी बचत हुई है। साथ ही इससे गन्ना और खाद्यान्न किसानों को भी लाभ हुआ है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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