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Friday, July 4, 2025

बिहार में पुनरीक्षण की कवायद का विवरण राजनीतिक दलों को दिया गया: निर्वाचन आयोग

Newsबिहार में पुनरीक्षण की कवायद का विवरण राजनीतिक दलों को दिया गया: निर्वाचन आयोग

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण पर कई राजनीतिक दलों द्वारा अपनी चिंता जताए जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि उसने विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों को उनकी आशंकाओं को दूर करने के मकसद से पूरी कवायद के बारे में ब्यौरा दे दिया है।

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन समेत 11 दलों के नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की थी और राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले किए जा रहे विशेष पुनरीक्षण को लेकर आपत्ति जताई थी।

आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा कि सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए यह प्रक्रिया योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से की जा रही है।

पहले चरण में, 25 जून से 3 जुलाई तक, बिहार में लगभग 7.90 करोड़ मतदाताओं को गणना प्रपत्र मुद्रित करके वितरित किए जा रहे हैं।

निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी लगभग 78,000 बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के माध्यम से मौजूदा रिकॉर्ड के आधार पर आंशिक रूप से पहले से भरे हुए फॉर्म उपलब्ध करा रहे हैं।

बीएलओ उन सभी मतदाताओं के घर-घर जाकर गणना प्रपत्र पहुंचा रहे हैं, जिनके नाम 24 जून तक मतदाता सूची में हैं। राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) भी प्रतिदिन 50 प्रमाणित प्रपत्र जमा कर सकते हैं।

दूसरे चरण में, गणना प्रपत्र भरे जाएंगे और 25 जुलाई से पहले जमा किए जाने हैं। इस प्रक्रिया में सहयोग के लिए बीएलओ के साथ-साथ लगभग चार लाख स्वयंसेवक उपलब्ध हैं।

जिन मतदाताओं के नाम एक जनवरी, 2003 तक मतदाता सूची में मौजूद हैं, उन्हें केवल गणना प्रपत्र और सूची का एक अंश जमा करना होगा। उन्हें कोई अन्य दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।

ये प्रपत्र संबंधित निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी या सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी के पास जमा किए जाएंगे। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए गणना प्रपत्रों को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा की गई है।

इस कवायद के चौथे चरण में एक अगस्त को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। सूची में वे सभी मतदाता शामिल होंगे जिनके प्रपत्र समय सीमा तक प्राप्त हो गए हैं। जिन नामों के लिए 25 जुलाई से पहले कोई गणना प्रपत्र जमा नहीं किया गया है, वे मसौदा सूची में नहीं दिखाई देंगे।

निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी और सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी संविधान के अनुच्छेद 326 में निर्धारित पात्रता मानदंडों के विरुद्ध प्रपत्रों की जांच करेंगे, यानी मतदाताओं को भारतीय नागरिक होना चाहिए, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का होना चाहिए और निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी होना चाहिए।

मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को मसौदा मतदाता सूचियों की प्रतियां निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी तथा उन्हें चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड भी किया जाएगा।

जो मतदाता प्रारंभिक समयसीमा में चूक जाएंगे, वे अभी भी फॉर्म 6 के साथ घोषणा पत्र का उपयोग करके दावों और आपत्तियों की अवधि के दौरान आवेदन कर सकते हैं। मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद भी बीएलए प्रतिदिन 10 फॉर्म तक जमा कर सकते हैं।

पांचवें चरण में एक अगस्त से एक सितंबर तक कोई भी व्यक्ति दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकता है। इस दौरान, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी आवेदनों और आपत्तियों की जांच करेंगे।

आम जनता मसौदा मतदाता सूची में मौजूदा प्रविष्टियों को शामिल करने या आपत्तियां दर्ज कराने के लिए दावे कर सकती है। उचित जांच और संबंधित व्यक्ति को निष्पक्ष सुनवाई प्रदान किए बिना कोई विलोपन नहीं किया जाएगा।

अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।

भाषा हक

हक नरेश

नरेश

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