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Friday, July 4, 2025

‘नौशेरा के शेर’ ब्रिगेडियर उस्मान की पुण्यतिथि पर दिल्ली में सेना ने दी श्रद्धांजलि

News‘नौशेरा के शेर’ ब्रिगेडियर उस्मान की पुण्यतिथि पर दिल्ली में सेना ने दी श्रद्धांजलि

(तस्वीरों सहित)

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) भारतीय सेना ने 1947-48 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में शहीद हुए ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की पुण्यतिथि पर बृहस्पतिवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

शहीद ब्रिगेडियर उस्मान ने नौशेरा के भीषण युद्ध में साहस के साथ आगे बढ़कर एक प्रेरणादायी नेतृत्व किया था, जिससे स्थिति भारतीय सेना के पक्ष में हो गई थी।

उनकी पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप स्थित कब्रिस्तान में स्थित उनकी कब्र पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया।

जम्मू कश्मीर में नौशेरा की लड़ाई के दौरान उनकी वीरता के कारण उन्हें ‘नौशेरा का शेर’ की उपाधि मिली।

राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं के लिए अधिकारी को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

भारतीय सेना के ‘ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स एंड स्ट्रेटेजिक मूवमेंट’ महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह और पैराशूट रेजिमेंट के कर्नल ने पुष्पांजलि अर्पित की।

यहां एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि युद्ध नायक को सम्मानित करने के लिए सेना प्रमुख की ओर से भी पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस कार्यक्रम में कई अन्य सेवारत और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

भारतीय सेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नौशेरा के शेर ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने तीन जुलाई 1948 को भीषण युद्ध में अग्रणी भूमिका निभाई, उनके अदम्य साहस और प्रेरणादायक नेतृत्व ने युद्ध को भारतीय सेना के पक्ष में मोड़ दिया। हम अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।’’

सेना ने 16 मार्च 1948 के आदेश अंकित किए गए एक अभिलेखीय दस्तावेज की तस्वीर भी साझा की, जो तत्कालीन 50 (आई) पैरा ब्रिगेड के कमांडर रहे ब्रिगेडियर उस्मान द्वारा जारी किया गया था।

अधिकारी ने बताया कि 1947-48 के युद्ध के दौरान जम्मू कश्मीर में झांगर और नौशेरा पर फिर से कब्ज़ा करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। बहादुर अधिकारी ने तीन जुलाई 1948 को नौशेरा में अपने प्राणों की आहूति दी।

भाषा यासिर नरेश

नरेश

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