रांची, तीन जुलाई (भाषा) दुबई में कंपनी की तरफ से कथित तौर पर वेतन का भुगतान नहीं किए जाने के कारण फंसे झारखंड के 15 मजदूर जल्द ही राज्य लौट आएंगे। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
मजदूरों ने वीडियो संदेश के माध्यम से झारखंड सरकार से राज्य में वापसी के लिए मदद मांगी थी।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद से (संबंध रखने वाले) सभी मजदूरों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”
श्रमिकों ने अपने संदेश में दावा किया कि उन्हें महीनों से वेतन नहीं मिला है।
उन्होंने सरकार से कहा, “बार-बार अनुरोध के बावजूद कंपनी कोई वित्तीय सहायता नहीं दे रही है। हम जिन घरों में रह रहे हैं, वहां पानी की आपूर्ति बकाया किराये के कारण बंद हो गई है। हम स्वदेश लौटना चाहते हैं।”
विज्ञप्ति के अनुसार, यह सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को श्रमिकों की सुरक्षित वापसी तथा उनके बकाया वेतन के भुगतान की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप, राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और अबू धाबी में स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करके श्रमिकों के लिए भोजन, पानी और आवश्यक दैनिक सहायता की तत्काल व्यवस्था करने का अनुरोध किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नियंत्रण कक्ष ने कंपनी से उनका बकाया वेतन दिलाने और उनकी जल्द भारत वापसी सुनिश्चित करने में सहायता का भी अनुरोध किया है। कंपनी ने श्रमिकों को अप्रैल के वेतन के रूप में 5.55 लाख रुपये का भुगतान किया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि कंपनी के प्रतिनिधि ने भारतीय दूतावास के अधिकारियों को यह आश्वासन भी दिया है कि बकाया वेतन का भुगतान किया जाएगा और श्रमिकों की भारत वापसी की व्यवस्था की जाएगी।
भाषा जोहेब माधव
माधव