नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दलील दी कि यह कानून की दृष्टि से एक सटीक मामला है, जिसमें सभी आरोपियों के खिलाफ धन शोधन का मामला बना है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष आरोपपत्र के संज्ञान पर अपनी दलील जारी रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ‘यंग इंडियन’ के ‘‘लाभकारी मालिक’’ थे तथा अन्य शेयरधारकों की मृत्यु के बाद उन्होंने 100 प्रतिशत नियंत्रण हासिल कर लिया।
राजू ने कहा, ‘‘ये दोनों अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को नियंत्रित करते थे। उन्होंने देखा कि एआईसीसी ने 90 करोड़ रुपये का ऋण जारी किया (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड या एजेएल को, जो 2,000 करोड़ रुपये की कंपनी है और नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की प्रकाशक है)। इसका मकसद…लक्ष्य 2,000 करोड़ रुपये प्राप्त करना था।’’
उन्होंने कहा कि ‘यंग इंडियन’ के कामकाज के संचालन के लिए गांधी परिवार जिम्मेदार था और यह ‘‘फर्जी लेनदेन’’ उनकी सहमति के बिना नहीं किया जा सकता था।
अन्य आरोपियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए एएसजी ने कहा कि सुमन दुबे ‘यंग इंडियन’ के निदेशकों में से एक थे, जिन्होंने सोनिया गांधी को 550 शेयर हस्तांतरित किए।
राजू ने दलील दी, ‘‘(दुबे द्वारा) शेयरधारिता केवल नाम के लिए थी। वह गांधी परिवार की कठपुतली थे। उनकी मिलीभगत के बिना यह फर्जी लेनदेन नहीं हो सकता था।’’
उन्होंने कहा कि आरोपी सैम पित्रोदा ने कंवर्जन पत्र की मांग की थी, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड ने फर्जी ऋण देकर अपराध की आय अर्जित करने में सहायता की थी और डोटेक्स के कामकाज के संचालन की जिम्मेदारी सुनील भंडारी के पास थी।
राजू ने कहा कि यह कानूनी की दृष्टि से एक सटीक मामला है, जिसमें सभी आरोपियों के खिलाफ धन शोधन का मामला बना है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप संज्ञान लें।’’
सुनवाई 4 जुलाई को भी जारी रहेगी।
प्रवर्तन निदेशालय ने दो जुलाई को आरोप लगाया था कि सोनिया और राहुल गांधी एजेएल की संपत्ति हड़पना चाहते थे।
राजू ने कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें गांधी परिवार के 76 प्रतिशत शेयर थे, ताकि एजेएल की संपत्ति हड़पी जा सके।
ईडी ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 (धन शोधन) और 4 (धन शोधन के लिए सजा) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था।
ईडी ने सोनिया गांधी, कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और निजी कंपनी यंग इंडियन पर एजेएल से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हड़पने के मामले में षडयंत्र और धन शोधन का आरोप लगाया है।
आरोपपत्र में सोनिया, राहुल, दुबे, पित्रोदा, भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
भाषा सुभाष नरेश
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