नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक अधिसूचना जारी कर चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) के तहत दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को तीसरे वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के बाद डिग्री के साथ पाठ्यक्रम से निकलने की अनुमति दे दी है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन में एक बड़ा कदम है।
बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि जिन छात्रों ने यूजी (स्नातक) पाठ्यक्रम रूपरेखा 2022 के तहत छह सेमेस्टर (तीन वर्ष) पास कर लिए हैं, वे तीन साल की डिग्री के साथ जा सकते हैं। इसके तहत सामान्य डिग्री उन छात्रों को दी जाएगी जो ऐसे कार्यक्रम में पढ़े हैं जिसमें एक से अधिक विषय शामिल हैं और ऑनर्स की डिग्री उन छात्रों को दी जाएगी जिनका कार्यक्रम सिर्फ एक मुख्य विषय पर केंद्रित था।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘उपर्युक्त विकल्प का लाभ उठाने के इच्छुक छात्र विश्वविद्यालय के छात्र पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं और निर्धारित ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अपनी मंशा प्रस्तुत कर सकते हैं।’
इसने छात्रों को सलाह दी कि वे ‘अपने शैक्षणिक और कैरियर संबंधी लक्ष्यों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें’ तथा निकासी विकल्प चुनने से पहले शिक्षकों और मार्गदर्शकों से परामर्श करें।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब दिल्ली विश्वविद्यालय इस अगस्त में एफवाईयूपी के चौथे और अंतिम वर्ष को शुरू करने की तैयारी कर रहा है। एनईपी 2020 के तहत पेश किया गया एफवाईयूपी स्नातक पाठ्यक्रमों को तीन से बढ़ाकर चार साल करता है और कई प्रवेश और निकास विकल्प प्रदान करता है, जिससे छात्रों को एक, दो या तीन साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद क्रमश: प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। चौथा वर्ष शोध विशेषज्ञता का अवसर प्रदान करता है।
भाषा नोमान रंजन
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