29.9 C
Jaipur
Friday, July 4, 2025

दुष्कर्म मामले में ‘बंद कमरे में’ सुनवाई की संन्यासी के अनुरोध पर विचार करेगी अदालत

Newsदुष्कर्म मामले में 'बंद कमरे में' सुनवाई की संन्यासी के अनुरोध पर विचार करेगी अदालत

कोलकाता, तीन जुलाई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह संन्यासी कार्तिक महाराज की याचिका पर ‘बंद कमरे में’ सुनवाई के अनुरोध पर विचार करेगा। याचिका में बलात्कार के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।

कार्तिक महाराज के नाम से प्रसिद्ध स्वामी प्रदीप्तानंद को इस वर्ष पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। स्वामी प्रदीप्तानंद ने एक महिला द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है, जिसने पुलिस शिकायत में दावा किया है कि यह घटना 2013 में हुई थी।

संन्यासी के वकील द्वारा मौखिक प्रार्थना किए जाने पर न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने मामले की सुनवाई ‘बंद कमरे में’ शुरू की।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि कार्यवाही ‘बंद कमरे में’ नहीं होनी चाहिए।

इसके बाद न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने कार्तिक महाराज को इस संबंध में औपचारिक आवेदन करने की स्वतंत्रता प्रदान की।

याचिकाकर्ता को शुक्रवार तक आवेदन करने का निर्देश देते हुए अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि यदि कोई जवाब हो तो वह सोमवार तक दाखिल करे।

उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले पर सोमवार को विचार किया जाएगा।

कार्तिक महाराज को मुर्शिदाबाद जिले की बेलडांगा पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में एक जुलाई को तलब किया था। हालांकि, वह उपस्थित नहीं हुए और इसके बजाय उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

भाषा प्रशांत माधव

माधव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles