26.4 C
Jaipur
Monday, September 1, 2025

बिहार के राज्यपाल ने पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में लॉटरी से प्राचार्यों की नियुक्ति का बचाव किया

Newsबिहार के राज्यपाल ने पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में लॉटरी से प्राचार्यों की नियुक्ति का बचाव किया

पटना, तीन जुलाई (भाषा) पटना विश्वविद्यालय के पांच कॉलेजों में एक अभूतपूर्व कदम के तहत लॉटरी के जरिए प्राचार्यों की नियुक्ति किए जाने का बचाव करते हुए बिहार के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक ऐसी प्रणाली अपनाई गई है जिसमें प्राचार्य की नियुक्ति व्यक्तिगत पसंद-नापसंद से निर्देशित नहीं होती।

विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार की अधिसूचना के अनुसार, नए प्राचार्यों की नियुक्तियां बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (बीएसयूएससी) की अनुशंसा पर की गई हैं।

बुधवार को विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में प्राचार्य के रूप में नियुक्त किए गए लोगों में नागेंद्र प्रसाद वर्मा (मगध महिला कॉलेज), अनिल कुमार (पटना कॉलेज), अलका (पटना साइंस कॉलेज), सुहेली मेहता (वाणिज्य महाविद्यालय) और योगेंद्र कुमार वर्मा (पटना लॉ कॉलेज) शामिल हैं।

राज्यपाल खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने एक ऐसी प्रणाली अपनाई है जिसमें प्राचार्य की नियुक्ति व्यक्तिगत पसंद और नापसंद से निर्देशित नहीं होती…।’’

राजभवन के सूत्रों ने पुष्टि की कि राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्राचार्यों की नियुक्ति में अनियमितताओं की पिछली शिकायतों के मद्देनजर लॉटरी प्रणाली के उपयोग का निर्देश दिया।

यह प्रक्रिया तीन सदस्यीय समिति की देखरेख में आयोजित की गई, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलाधिपति कार्यालय का एक प्रतिनिधि शामिल था।

हालाँकि, राजनीतिक दलों ने इस कदम पर आपत्ति जताई।

माकपा विधायक अजय कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘गृह विज्ञान या मानविकी का प्रोफेसर विज्ञान और वाणिज्य के लिए विशेष कॉलेज का संचालन कैसे संभल सकता है? इससे उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का उद्देश्य विफल हो जाता है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता नहीं है।’’

See also  अरुणाचल ने पूर्वोत्तर शिखर सम्मेलन में 6,357 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव जुटाए

इस कदम का बचाव करते हुए जदयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस मुद्दे का बिलकुल भी राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। यह निर्णय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति द्वारा लिया गया है और राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है।’’

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles