जौनपुर (उप्र), तीन जुलाई (भाषा) जौनपुर की एक स्थानीय अदालत ने दो लोगों की हत्या से जुड़े 15 साल पुराने एक मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
शासकीय अधिवक्ता लालबहादुर पाल ने बताया कि जौनपुर के केराकत थाना क्षेत्र के बेलाव घाट पर ठेकेदारी के विवाद को लेकर एक अप्रैल 2010 की सुबह संजय निषाद व नंदलाल निषाद नामक व्यक्तियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में तत्कालीन सांसद धनंजय सिंह, आशुतोष सिंह तथा पुनीत सिंह सहित पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था।
हालांकि, पुलिस ने सभी को क्लीन चिट दे दी थी। बाद में सीबीसीआईडी ने जांच के बाद आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
पाल ने बताया कि विशेष सांसद-विधायक अदालत के न्यायाधीश सादिक सिद्दीकी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
अदालत का फैसला आने के बाद धनंजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि इस मामले में उन्हें राजनीतिक रंजिश के तहत फंसाया गया था। मगर उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा था। इस मामले में दोषमुक्त होने पर उन्होंने न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया।
पूर्व सांसद ने कहा कि घटना के समय वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद थे। इस घटना की दो बार सीबीसीआईडी जांच हुई थी। जांच में और अन्य प्रक्रिया में उन्हें निर्दोष पाया गया था। आज आये फैसले के जरिये न्यायालय ने उनकी दोषमुक्ति पर मुहर लगा दी है।
इस मामले की सुनवाई पहले अतिरिक्त जिला न्यायाधीश एमपी सिंह की अदालत में हुई और बाद में इसे विशेष सांसद-विधायक अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।
वर्ष 2024 में धनंजय सिंह को जबरन वसूली और अपहरण के एक मामले में कुछ समय के लिए जेल भेजा गया था, लेकिन उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दे दी गई थी।
वर्ष 2002 में धनंजय सिंह ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जौनपुर जिले के रारी (अब मल्हनी) निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। वर्ष 2007 में वे जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर उसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से विधायक चुने गए।
बाद में वह पाला बदलकर बसपा में शामिल हो गए और 2009 से 2014 तक सांसद रहे।
भाषा सं. सलीम संतोष संतोष
संतोष