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Monday, September 1, 2025

श्रीनगर में मुहर्रम का पारंपरिक जुलूस, प्रशासन ने तीसरे साल दी अनुमति”

Fast Newsश्रीनगर में मुहर्रम का पारंपरिक जुलूस, प्रशासन ने तीसरे साल दी अनुमति”

(तस्वीरों सहित)

श्रीनगर, चार जुलाई (भाषा) जम्मू कश्मीर में शिया समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को मुहर्रम के आठवें दिन शहर के पारंपरिक मार्ग पर जुलूस निकाला। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

मुहर्रम का जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकाला गया। अधिकारियों ने इसके सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की थी। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब प्रशासन ने मुहर्रम के जुलूस को शहर के बीचों-बीच पारंपरिक मार्ग से निकालने की अनुमति दी है।

जुलूस शुक्रवार सुबह शहर के गुरु बाजार इलाके से शुरू हुआ और जहांगीर चौक और मौलाना आजाद रोड से होते हुए निर्धारित मार्ग से गुजरा। इसका समापन डलगेट पर हुआ।

अधिकारियों ने जुलूस निकालने के लिए सीमित समय दिया था ताकि सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो, इस कारण शुक्रवार सुबह हजारों की संख्या में शोक संतप्त लोग गुरु बाजार में एकत्र हुए।

पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एकता और सेवा के प्रतीक स्वरूप लाल चौक पर जुलूस में शामिल हुए।

विशेष पुलिस महानिदेशक (समन्वय) एसजेएम गिलानी, पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) वी के बिरदी, संभागीय आयुक्त (कश्मीर) विजय कुमार बिधूड़ी और पुलिस तथा सीआरपीएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शोक संतप्त लोगों को पानी और जूस पिलाया।

पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुलिस और नागरिक प्रशासन ने मुहर्रम के आठवें दिन सुरक्षा सहित उचित व्यवस्था की है ताकि जुलूस में शामिल लोगों को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा, ‘‘ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चूंकि जुलूस शहर के मुख्य क्षेत्र में हो रहा है इसलिए यातायात संबंधी परामर्श जारी किए गए हैं, ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो।’

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मुहर्रम के दसवें दिन की तैयारी के बारे में बिरदी ने कहा कि जुलूस में शामिल होने वाले और आम नागरिकों के लिए सुरक्षा और यातायात व्यवस्थाएं की जाएंगी।

वार्षिक अमरनाथ यात्रा के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है और तीर्थयात्रा सुचारु रूप से जारी है।

कश्मीर के संभागीय आयुक्त ने जुलूस में शामिल लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह लगातार तीसरा वर्ष है जब शहर के बीचों-बीच से मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति दी गई है। जिला प्रशासन ने शोक संतप्त लोगों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की गई हैं।

बिधूड़ी ने कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कि जुलूस उसके उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए निकाला गया। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि जुलूस को उसके धार्मिक महत्व तक ही सीमित रखें और शांतिपूर्वक आगे बढ़ें।’

अधिकारियों ने बताया कि यातायात विभाग ने परामर्श जारी करके लोगों को मुहर्रम जुलूस के मार्ग के संबंध में जानकारी दी थी।

कई स्थानों पर स्थानीय लोग जुलूस में शामिल लोगों को पानी पिलाते नजर आए, जबकि कुछ स्थानों पर गर्मी से राहत देने के लिए पानी का छिड़काव भी किया गया।

मुहर्रम इस्लामी कलैंडर का पहला महीना है और इसका आठवां दिन कश्मीर में शिया समुदाय के लोगों के लिए शोक के लिहाज से अहम होता है।

कश्मीर में आतंकवाद के पनपने के बाद इस जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि अधिकारियों को आशंका थी कि अलगाववादी इस विशाल जनसमूह का इस्तेमाल गलत मकसद से कर सकते हैं।

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भाषा शोभना मनीषा

मनीषा

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