नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में भारी वर्षा के दौरान पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाड़ों में पानी भरने से रोकने के लिए कर्मचारियों ने तैयारियां बढ़ा दी हैं और प्रमुख बुनियादी ढांचे की मरम्मत शुरू की है।
राष्ट्रीय राजधानी में मानसून के आगमन के साथ ही चिड़ियाघर प्राधिकारियों ने जलभराव की घटनाओं से बचने के लिए अपनी व्यापक मानसून कार्ययोजना लागू कर दी है।
पिछले वर्ष चिड़ियाघर में लम्बे समय तक बिजली गुल रही थी तथा ट्रांसफार्मर में पानी घुस जाने के कारण कई बाड़ों में पानी भर गया था।
चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने कहा कि महत्वपूर्ण कदम उठाए जा चुके हैं, जिनमें वर्षा शेडों की मरम्मत और निर्माण, जल निकासी लाइनों की सफाई और गाद निकालना तथा नए पंपों का परीक्षण और ऑर्डर देना शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘ सभी पंपों की मरम्मत और जांच कर ली गई है। हमने अतिरिक्त पंपों का आदेश दिया है, ताकि पानी आने पर उसे हम बाहर निकाल सकें।’’
उन्होंने यह भी कहा कि पंपिंग कार्य को चौबीसों घंटे चालू रखने के लिए अतिरिक्त श्रमशक्ति तैनात की गई है।
शाकाहारी जानवरों के बाड़ों खास तौर पर हिरणों के बाड़ों पर विशेष ध्यान दिया गया है क्योंकि उनमें पानी जमा होने की संभावना अधिक होती है। बाड़ों के अंदर मिट्टी के टीले बनाए गए हैं ताकि बाढ़ की स्थिति में जानवरों को ऊपर की ओर जमीन मिल सके।
बुनियादी ढांचे में सुधार के अलावा चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल के लिए पारंपरिक हर्बल साधनों का उपयोग जारी रखा जा रहा है। घावों और पैरों के घावों पर हल्दी का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि उन्हें जल्दी सूखने और ठीक करने में मदद मिले, जबकि नीम का तेल बारिश के मौसम में प्राकृतिक कीटाणुनाशक और मक्खी भगाने वाले के रूप में काम करेगा।
निदेशक ने कहा, ‘आवश्यक दवाएं खरीद ली गई हैं और टीम तैयार है।’
भाषा शोभना रंजन
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