नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समान कर लाभ देने के लिए जरूरी बदलाव किए हैं।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि यूपीएस को कर ढांचे के तहत शामिल करना पारदर्शी, लचीले और कर-कुशल विकल्पों के माध्यम से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में सरकार का एक और कदम है।
मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार ने तय किया है कि एनपीएस के तहत उपलब्ध कर लाभ यूपीएस पर भी लागू होंगे क्योंकि यह एनपीएस के तहत एक विकल्प है।’
ये प्रावधान मौजूदा एनपीएस संरचना के साथ समानता सुनिश्चित करते हैं और यूपीएस का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को पर्याप्त कर राहत और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।
वित्त मंत्रालय ने 24 जनवरी, 2025 को अधिसूचित किया था कि एक अप्रैल, 2025 से केंद्र सरकार की सिविल सेवा में भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के तौर पर यूपीएस को लागू किया था।
इस अधिसूचना के बाद एनपीएस के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस के तहत शामिल होने का एकबारगी विकल्प मिल गया।
इस ढांचे को क्रियान्वित करने के लिए पेंशन कोष विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 19 मार्च 2025 को पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत एकीकृत पेंशन योजना का संचालन) विनियम, 2025 को अधिसूचित किया।
यूपीएस केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों पर लागू होता है जो एनपीएस के दायरे में आते हैं और एनपीएस के तहत इस विकल्प को चुनते हैं। इस विकल्प का प्रयोग 23 लाख सरकारी कर्मचारी कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को यूपीएस का विकल्प लाने की मंजूरी दी थी।
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को जनवरी, 2004 से बंद कर दिए जाने के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस लाया गया था।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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