नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कॉलोनियों में दूषित जल आपूर्ति के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की खिंचाई की और पूछा कि अधिकारी नागरिकों से “अवजल मिश्रित पानी पीने” की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पूर्वी दिल्ली के योजना विहार, आनंद विहार, जागृति एन्क्लेव और अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों के निवासियों को उनके घरेलू नलों में अवजल मिश्रित “अत्यधिक दूषित पेयजल” मिल रहा है।
पीठ ने पूछा, “जब तक कोई अदालत का दरवाजा न खटखटाए, तब तक क्या आप खुद कुछ नहीं करेंगे? क्या आप चाहते हैं कि इस शहर के लोग अवजल मिला पानी पिएं?”
अदालत ने दो जुलाई को दिल्ली जल बोर्ड को संबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण करने को कहा था। अदालत को बताया गया कि एजेंसी ने पाया कि योजना विहार क्षेत्र में जलापूर्ति पाइपलाइनें बहुत पुरानी हो गई हैं और उन्हें बदलने की जरूरत है।
डीजेबी ने अपने सर्वेक्षण के आधार पर एक स्थिति रिपोर्ट दायर की और याचिकाकर्ता के घर और आसपास के क्षेत्रों सहित कई घरेलू कनेक्शन में पुरानी और क्षतिग्रस्त जल आपूर्ति पाइप होने की बात स्वीकार की।
डीजेबी ने कहा कि पाइपों को बदलने के लिए 7 जुलाई तक निविदा आमंत्रित की जाएगी और 17 जुलाई तक ठेका दे दिया जाएगा।
परियोजना को अनुबंध की तिथि से 20 दिनों में पूरा करने का प्रस्ताव था।
पीठ ने निर्देश दिया कि इन घरों में और इनके आसपास पुरानी और क्षतिग्रस्त जलापूर्ति पाइपों को बदलने से संबंधित कार्य किसी भी स्थिति में अगस्त 2025 तक पूरा किया जाना चाहिए और किसी भी विफलता को अदालत द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा।
अवजल शोधन संयंत्र के मुद्दे पर, दिल्ली जल बोर्ड के वकील ने अदालत को बताया कि वहां गाद निकालने का काम चल रहा है, जो अगस्त तक पूरा हो जाएगा।
डीजेबी ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि योजना विहार में जल वितरण प्रणाली 35 वर्ष पहले स्थापित की गई थी जिसकी मियाद खत्म हो चुकी है तथा इसे पूरी तरह बदलने की आवश्यकता है।
डीजेबी ने जल वितरण नेटवर्क को बदलने से संबंधित कार्य करने और बजट की उपलब्धता के आधार पर क्षतिग्रस्त खंडों को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया।
अदालत ने डीजेबी को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें समयसीमा बताई जाए कि क्षेत्र में पूरे जल वितरण नेटवर्क को कितने समय में बदल दिया जाएगा।
इस मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को निर्धारित की गयी है।
भाषा
प्रशांत नरेश
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