अमरावती, चार जुलाई (भाषा)आंध्र प्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (एपीजेयूडीए) ने शुक्रवार को विदेश से चिकित्सा में स्नातक कर आए (एफएमजी) करीब 500 चिकित्सकों के प्रति एकजुटता व्यक्त की, जो अपना स्थायी पंजीकरण (पीआर) प्राप्त करने के लिए 13 महीने से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एपीजेयूडीए ने रेखांकित किया कि एफएमजी चिकित्सकों को आंध्र प्रदेश चिकित्सा परिषद (एपीएमसी) ने एक से दो वर्ष की इंटर्नशिप पूरी करने के बावजूद अब तक स्थायी रूप से पंजीकृत नहीं किया है।
एपीजेयूडीए के महासचिव ए निखिल सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘एपीजेयूडीए उन लगभग 500 एफएमजी चिकित्सकों का स्थायी पंजीकरण करने में हो रही अनुचित देरी से बहुत चिंतित है, जिन्होंने अपनी इंटर्नशिप पूरी कर ली है।’’
सिंह ने आरोप लगाया कि तीन महीने पहले नयी एपीएमसी के गठन के बावजूद, प्रशासनिक देरी के कारण यह मुद्दा अनसुलझा है।
उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार कार्यालय ने अब तक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के मानदंडों के अनुसार पात्र उम्मीदवारों की सूची को बनाना शुरू नहीं किया है, जिससे राज्य में एफएमजी के लिए अनिश्चितता बनी हुई है।
एपीजेयूडीए की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एफएमजी चिकित्सकों ने एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर विजयवाड़ा में मौन विरोध प्रदर्शन किया, जिसे ‘‘पुलिस ने जबरन रोका’। संगठन ने पुलिस के कदम की आलोचना की है।
इस बीच, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इंटर्नशिप और परीक्षाएं पूरी करने के बावजूद स्थायी पंजीकरण की मांग करने वाले एफएमजी चिकित्सकों के खिलाफ ‘‘पुलिस बल’’ का प्रयोग करने के लिए सरकार की आलोचना की।
भाषा धीरज दिलीप
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