कोलकाता, 30 मई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुब्रत मंडल द्वारा एक पुलिस अधिकारी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान कथित रूप से ‘‘अपमानजनक और गाली-गलौज वाली’’ भाषा का इस्तेमाल किए जाने की निंदा की।
तृणमूल ने इसी के साथ पार्टी की बीरभूम जिला इकाई के पूर्व अध्यक्ष मंडल को चार घंटे के भीतर बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर वह इसका पालन नहीं करते हैं तो ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करने सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पार्टी द्वारा बयान जारी करने के करीब एक घंटे बाद मंडल ने लिखित माफी मांगते हुए कहा कि वह कभी भी ‘‘किसी पुलिसकर्मी का अपमान करने की कल्पना नहीं कर सकते, चाहे वह एक साधारण कांस्टेबल हो या कोई वरिष्ठ अधिकारी।’’
इससे पहले दिन में एक ऑडियो क्लिप प्रसारित हुई थी, जिसमें कथित तौर पर मंडल की आवाज है। क्लिप में बीरभूम के ताकतवर नेता माने जाने वाले मंडल एक थाना प्रभारी (आईसी) को फोन पर कथित तौर पर धमकी देते हुए सुनाई दे रहे हैं।
‘पीटीआई-भाषा’ क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं सकी है।
तृणमूल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘पार्टी स्पष्ट रूप से मंडल द्वारा एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ की गई टिप्पणियों से खुद को अलग करती है और उनका समर्थन नहीं करती। हम उनके द्वारा अपमानजनक और अस्वीकार्य गाली-गलौज की भाषा का इस्तेमाल किए जाने की कड़ी निंदा करते हैं। पार्टी उन्हें अगले चार घंटों के भीतर बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश देती है, ऐसा न करने पर कारण बताओ कार्यवाही शुरू की जाएगी।’’ मंडल ने माफीनामे में लिखा, ‘‘हाल की कुछ घटनाओं के लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं। मैं दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) की पुलिस से 100 बार माफी मांगने को तैयार हूं…।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिन भर में कई दवाएं लेता हूं, इसलिए अगर राज्य पुलिस के खिलाफ कोई आरोप लगाया जाता है तो मैं आक्रोशित हो जाता हूं।’’
मंडल ने हालांकि कहा कि यह बात ध्यान में रखनी होगी कि ‘‘बीरभूम के बोलपुर, सेउरी और रामपुरहाट अनुमंडलों में तृणमूल की जनसभाओं में भारी भीड़ देखकर कौन घबरा गया।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘बोलपुर आईसी के साथ उनकी बातचीत सार्वजनिक कैसे हुई? क्या इसके पीछे कोई साजिश है?’’
मंडल ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि एक निर्दोष तृणमूल कार्यकर्ता पर पुलिस की ज्यादती के बारे में सुनकर वह क्रोधित हो गए थे। उन्होंने दावा किया कि इससे पहले संबंधित पुलिस अधिकारी ने उनके साथ गाली-गलौज भी की थी।
इससे पहले दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने ‘एक्स’ पर ऑडियो क्लिप साझा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार से इसकी शीघ्र जांच करने की मांग की।
मजूमदार ने कहा, ‘‘जब कोई इस बातचीत को सुनेगा तो यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा कि कैसे कुख्यात अपराधियों को मुख्यमंत्री द्वारा शरण दी जा रही है।’’
एक अन्य पोस्ट में राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि मंडल ने आईसी को धमकी देते हुए महिलाओं के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
भाजपा की बोलपुर इकाई ने पुलिस अधिकारी के प्रति मंडल के व्यवहार की निंदा करते हुए दिन में पुलिस थाने के समक्ष प्रदर्शन किया।
ऑडियो क्लिप में मंडल पुलिस अधिकारी पर पार्टी प्रतिद्वंद्वी काजल शेख का कथित तौर पर पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए तथा उसे ‘सबक सिखाने’ की धमकी देते हुए सुने जा रहे हैं।
बीरभूम के पुलिस अधीक्षक अमन दीप ने कहा कि मंडल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और बाद में तृणमूल कार्यालय में उनके लिए एक नोटिस जारी किया गया।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री फिरहाद हकीम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। पार्टी अपशब्द कहने वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करेगी। कानून अपना काम करेगा।’’
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश