मुंबई, पांच जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत सेवाओं के लिए एक निविदा मूल्यांकन समिति का गठन किया है।
चार जुलाई को जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के माध्यम से सेवाओं के लिए की गई बोलियों के मूल्यांकन में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए समिति का गठन किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय 17 जून को लिया गया और इसे जी.आर. के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया।
अधिनियम के तहत यह अनिवार्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं के अनुरूप है और इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रियाओं से जुड़े अनुबंधों के लिए तकनीकी जांच प्रक्रिया को कारगर बनाना है
राज्य सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर प्रकाशित जी.आर. में बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाले विभिन्न सेवा प्रदाताओं की पात्रता और अनुपालन का मूल्यांकन करने के लिए समिति के अधिदेश को रेखांकित किया गया है।
पांच सदस्यीय समिति का नेतृत्व संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी करेंगे।
यह कदम इस वर्ष के अंत में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से पहले उठाया गया है।
भाषा
शुभम रंजन
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