(सिमरन अरोड़ा)
मलांजखंड (मध्यप्रदेश), छह जुलाई (भाषा) हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) अगले दो-तीन साल में मध्य प्रदेश के मलांजखंड में 30 लाख टन सालाना क्षमता का नया कन्सन्ट्रेटर (सांद्रक) संयंत्र लगाने की तैयारी कर रही है। इसपर कंपनी 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह संयंत्र कंपनी की अयस्क उत्पादन क्षमता को तिगुना करने की योजना का हिस्सा है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को अगले साल इस नई सुविधा का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। फिलहाल मलांजखंड में कंपनी का 25 लाख टन सालाना क्षमता का कन्सन्ट्रेटर संयंत्र है।
एक सांद्रक संयंत्र अपशिष्ट चट्टान से मूल्यवान खनिजों को अलग करने के लिए खनन अयस्क को संसाधित करता है। यह सुविधा खनिजों के उच्च अनुपात वाले केंद्रित उत्पाद का उत्पादन करती है। फिर इसे अंतिम धातु या खनिज का उत्पादन करने के लिए गलाने या शोधन जैसे आगे के प्रसंस्करण चरणों में भेजा जाता है।
हिंदुस्तान कॉपर लि. (एचसीएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव कुमार सिंह पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा कि सरकारी परामर्श फर्म मेकॉन संयंत्र के लिए एक निविदा दस्तावेज और तकनीकी डिजाइन तैयार कर रही है। इस संयंत्र की क्षमता 30 लाख टन सालाना की होगी।
सिंह ने कहा कि संयंत्र का निर्माण अगले साल शुरू होने की संभावना है। कंपनी आंतरिक संसाधनों के माध्यम से संयंत्र को वित्तपोषित करने की योजना बना रही है।
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि हिंदुस्तान कॉपर झारखंड में राखा खदान में 30 लाख टन क्षमता वाला एक और कन्सन्ट्रेटर संयंत्र लगाने की भी योजना बना रही है। कंपनी वर्तमान में मध्य प्रदेश में मलांजखंड तांबा कन्सन्ट्रेटर संयंत्र, झारखंड में घाटशिला कन्सन्ट्रेटर संयंत्र और राजस्थान में खेतड़ी कन्सन्ट्रेटर संयंत्रों का परिचालन करती है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने 2030-31 तक अपनी अयस्क उत्पादन क्षमता को मौजूदा के 40 लाख टन सालाना से बढ़ाकर 122 लाख टन सालाना करने की योजना बनाई है। हिंदुस्तान कॉपर तांबे के अयस्क खनन में लगी हुई है और देश में तांबे के अयस्क के लिए सभी परिचालन खनन पट्टे उसके पास हैं।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपना अबतक का सबसे अधिक 2,070.97 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व दर्ज किया है। यह 2023-24 के 1,717 करोड़ रुपये से 21 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का शुद्ध लाभ 42 प्रतिशत बढ़कर 468.53 करोड़ रुपये हो गया, जो 2023-24 में 295.41 करोड़ रुपये था।
भाषा अजय अजय
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