(मुनीष शेखावत)
पेरिस, छह जुलाई (भाषा) यूरोप की वाहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी स्टेलेंटिस का मानना है कि दीर्घकालिक स्थिर नीतिगत ढांचा और भारत के विभिन्न राज्यों में इसका एक समान क्रियान्वयन वाहन विनिर्माताओं के लिए लंबी अवधि में अपनी व्यावसायिक योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
जीप और सिट्रोएन जैसे ब्रांड के माध्यम से भारत में उपस्थिति रखने वाली स्टेलेंटिस का मानना है कि नीतिगत ढांचा पूरे देश में अनौपचारिक रूप से काम करना चाहिए ताकि उद्योग दीर्घकालिक व्यावसायिक रणनीतियों को क्रियान्वित करने में सक्षम हो सके।
यहां पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में स्टेलेंटिस इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक शैलेश हजेला ने कहा कि भारत आने वाला कोई भी निवेशक लंबी अवधि की नीतियां देखना चाहता है।
भारतीय वाहन उद्योग के विकास को गति देने वाली सरकारी कार्रवाइयों के बारे में पूछे जाने पर हजेला ने कहा, ‘‘इसलिए सरकार के लिए हमारी इच्छा सूची यह है कि वे जो भी निर्णय लें, दीर्घावधि के लिए होने चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा होगा यदि ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) और कराधान के मामले में देशभर में नीतियों में एकरूपता हो ताकि कंपनियां राज्यवार नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर योजना बना सकें। हजेला ने कहा, ‘‘अगर सरकार एकरूपता ला सकती है, जो वे कर सकते हैं, तो यह वास्तव में उद्योग को एकीकृत और संक्षिप्त तरीके से योजना बनाने में सक्षम बनाएगा।’’
उन्होंने विभिन्न राज्यों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन के लिए अलग-अलग नीतियां लागू करने का उदाहरण दिया। हजेला ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, स्टेलेंटिस समूह ने सहायक बुनियादी ढांचा तैयार किया है, और अब यह विशेष रूप से सिट्रोएन ब्रांड के लिए अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रहा है।
हजेला ने कहा कि बिक्री नेटवर्क को मजबूत करने और नए उत्पाद पेश करने के साथ देश में ब्रांड की उपस्थिति बढ़ाने के लिए पहले से ही एक योजना चल रही है। फ्रांसीसी वाहन कंपनी वर्तमान में भारतीय बाजार में सी3 हैचबैक, एयरक्रॉस एसयूवी, बेसाल्ट कूप-एसयूवी और इलेक्ट्रिक ई-सी3 बेचती है।
उन्होंने कहा कि सिट्रोएन अगले एक साल में अपने बिक्री टचपॉइंट को लगभग 80 से बढ़ाकर 150 से अधिक कर देगी। इसमें यह छोटे शहरों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी।
उन्होंने कहा कि कंपनी तीसरी और चौथी श्रेणी के बाज़ारों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है। ये बाजार रणनीतिक रूप से पहली और दूसरी श्रेणी के शहरों के पास स्थित हैं और इनमें वृद्धि की व्यापक संभावनाएं हैं।
बाजार हिस्सेदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले साल से इस वर्ष या अगले 12 माह में अपनी हिस्सेदारी कम से कम दोगुनी करने की इच्छा रखते हैं, और फिर इसे और आगे ले जाना चाहते हैं।
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