मुंबई, छह जुलाई (भाषा) मानसून को आमतौर पर यात्रा के लिए सही समय नहीं माना जाता है, लेकिन इस बार ‘जेनरेशन जेड’ और ‘मिलेनियल’ इस मौसम में बढ़चढ़ कर यात्रा कर रहे हैं।
उद्योग विशेषज्ञों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने तथा इस समय कम खर्च और कम भीड़ के चलते मानसून में पर्यटन बढ़ रहा है।
वर्ष 1981 से 1996 के बीच जन्मे लोगों को मिलेनियल और 1997 से 2012 के बीच जन्मे लोगों को जेनरेशन जेड कहा जाता है।
थॉमस कुक (इंडिया) के अध्यक्ष और देश प्रमुख (अवकाश, एमआईसीई, वीजा) राजीव काले ने बयान में कहा, ”पारंपरिक रूप से यात्रा के लिए कम पसंद किया जाने वाला मौसम होने के बावजूद मानसून घूमने का आनंद लेने और बैकवॉटर से लेकर वन्यजीव सफारी, बाइकिंग ट्रेल्स, आध्यात्मिक सर्किट और आयुर्वेद उपचार तक के विशेष ऑफर के साथ रियायती दरों पर यात्रा का सही समय है।”
थॉमस कुक (इंडिया) के आंकड़ों के अनुसार, मानसून की छुट्टियों में भारत के युवाओं, कामकाजी पेशेवरों, युगल और सहकर्मियों की गहरी दिलचस्पी देखी जा रही है।
एसओटीसी ट्रैवल के अध्यक्ष और देश प्रमुख (अवकाश एवं कॉरपोरेट यात्रा) एस डी नंदकुमार ने कहा कि अब छोटी अवधि की यात्रा अधिक लोकप्रिय हो रही हैं, क्योंकि लोग सप्ताहांत में इसकी योजना बना रहे हैं। लोग छोटी और नियमित छुट्टियां चाहते हैं।
इक्सिगो ग्रुप के सह-मुख्य कार्यपालक अधिकारी रजनीश कुमार ने भी कहा कि इस साल मानसून के मौसम में मांग में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साल गर्मी में कश्मीर में अशांति के कारण लोग अब धूमने की योजना बना रहे हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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