छत्रपति संभाजीनगर, छह जुलाई (भाषा) एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ ने राज्य के स्कूलों में हिंदी और त्रिभाषा नीति के सख्त विरोध को लेकर उद्धव और राज ठाकरे पर हमला करने के लिए छत्रपति संभाजी महाराज के बहुभाषाविद् होने का हवाला दिया।
ठाकरे भाइयों ने शनिवार को मुंबई में दो दशकों में पहली बार एक संयुक्त रैली की, जिसमें उन्होंने देवेंद्र फडणवीस सरकार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तीन भाषा नीति पर दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने को अपनी ‘‘सफलता’’ के तौर पर चिह्नित किया।
इस कार्यक्रम में शिवसेना (उबाठा) के नेता उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने राज्य में हिंदी ‘थोपने’ और मराठी को ‘दरकिनार’ करने के सरकार के सभी प्रयासों का विरोध करने का संकल्प लिया।
गायकवाड़ ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘छत्रपति संभाजी महाराज ने 16 भाषाएं सीखी थीं तो क्या वह मूर्ख थे? ताराबाई और जीजाबाई हिंदी सहित कई भाषाएं जानती थीं। क्या वे भी मूर्ख थीं? हमें जितनी हो सके उतनी भाषाएं सीखनी चाहिए।’’
बुलढाणा से विधायक ने ठाकरे भाइयों पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘भाषा के मुद्दे पर राजनीति करना गलत है। अगर हम आतंकवाद को रोकना चाहते हैं तो हमें उर्दू भी सीखनी चाहिए। मैंने यह कई बार कहा है।’’
इतिहासकारों के अनुसार, छत्रपति संभाजी महाराज काफी पढ़े-लिखे शासक थे जिन्हें संस्कृत, मराठी सहित कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान था।
भाषा शोभना सुभाष
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