नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ खुफिया सेवाओं और जांच के लिए वास्तविक समय की जानकारी साझा करने वाले ‘नैटग्रिड’ ने सभी राज्य पुलिस बलों से उसके साथ संपर्क बढ़ाने, अपराध नियंत्रण तथा आपराधिक गतिविधियों की जांच के लिए उसके डेटाबेस का सक्रिय रूप से इस्तेमाल करने को कहा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे अधीन कार्यरत ‘नैटग्रिड’ अन्य जानकारी के अलावा, आतंकवादी गतिविधियों, संगठित आपराधिक गिरोहों, वित्तीय लेनदेन, आव्रजन, जाली मुद्रा और मादक पदार्थों के प्रचलन पर अपने डेटाबेस से वास्तविक समय की जानकारी 11 केंद्रीय एजेंसियों और सभी राज्य पुलिस बलों के साथ साझा करता है।
नैटग्रिड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीयूष गोयल ने सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को लिखे पत्र में अनुरोध किया है कि वे अपने-अपने बलों में नैटग्रिड के उपयोग को बढ़ाएं, ताकि सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि हो सके तथा उन्हें समाधान का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
पत्र में विशेष रूप से जिला पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को अपराध नियंत्रण और कानून प्रवर्तन पहलों में नैटग्रिड डेटाबेस के व्यापक उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया है।
गोयल ने पत्र में कहा, ‘‘कृपया समय-समय पर अपनी बैठकों में इसकी समीक्षा करें। नैटग्रिड समाधान में और अधिक सुविधाएं/कार्यक्षमताएं जोड़ने का काम जारी रखे हुए है तथा नियमित प्रशिक्षण/प्रतिक्रिया सत्र आयोजित कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि नैटग्रिड, जहां भी आवश्यक हो, पुलिस अधिकारियों के लिए समर्पित प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित कर सकता है।
पत्र में कहा गया है कि सहयोगात्मक प्रयासों से कई नए उपयोगकर्ताओं ने सक्रिय रूप से इस प्रणाली का उपयोग करना शुरू कर दिया है। नैटग्रिड समाधान के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
गोयल ने पत्र में कहा, ‘‘मैं आंध्र प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और असम द्वारा नैटग्रिड समाधान के निरंतर उपयोग को रेखांकित और उसकी सराहना करना चाहूंगा, जो जनवरी-जून 2025 की अवधि के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं।’’
उन्होंने इन राज्यों के अलावा तमिलनाडु द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की, जिसने जून में ‘‘एक महीने में कम से कम एक जानकारी प्राप्त करने की अर्जी देने वाले सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या’’ में चार गुना वृद्धि की।
मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमलों के बाद नैटग्रिड की परिकल्पना की गई। यह अन्य एजेंसियों के अलावा खुफिया ब्यूरो, रिसर्च एंड एनलिसिस (रॉ), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) और प्रवर्तन निदेशालय को सूचना साझा करता है।
इसमें रेलवे, बैंक, विमानन, क्रेडिट कार्ड कंपनियां और आव्रजन जैसी 20 से अधिक श्रेणियों में आंकड़े दर्ज हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 2019 में अमित शाह के केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (नैटग्रिड) की योजना तेजी से आगे बढ़ी।
भाषा धीरज नरेश
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