रूस और पाकिस्तान के बीच 2.6 अरब डॉलर का करार हुआ है. वो भी ऐसे वक्त, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है. रूस ने पाकिस्तान के साथ ऊर्जा, व्यापार ही नहीं, बल्कि रक्षा तकनीक के मामले में भी समझौता किया है. रूस पाकिस्तान को रियायती दरों पर तेल और गैस की आपूर्ति करेगा. इसके लिए रूसी कंपनियां पाकिस्तान में ऊर्जा संयंत्र और पाइपलाइन विकसित करेंगी. रूस ने कराची में एक आधुनिक स्टील प्लांट के निर्माण के लिए 2.6 बिलियन डॉलर का समझौता किया है, जिससे पाकिस्तान का स्टील आयात 30% तक कम होने की उम्मीद है. इसके साथ ही, रूस पाकिस्तान को रियायती दरों पर कच्चा तेल उपलब्ध करा रहा है और दोनों देशों के बीच गैस पाइपलाइन परियोजना (पाकिस्तान स्ट्रीम) पर भी काम चल रहा है. रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ रहा है, जिसमें रूस पाकिस्तान को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है. साल 2023 में रूस और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड 1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था.
रूस चाहता है BRICS में शामिल हो पाकिस्तान
रूस और पाकिस्तान के बीच हाल के वर्षों में संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. रूस ने पाकिस्तान को ब्रिक्स (BRICS) में शामिल होने के लिए समर्थन जाहिर किया है. विशेष रूप से 2023 में रूस के उपप्रधानमंत्री एलेक्सेई ओवरचुक ने इसकी वकालत की थी. हालांकि, भारत के विरोध के कारण पाकिस्तान को 2024 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में निमंत्रण नहीं मिला. इसके अलावा, रूस आर्थिक और सामरिक क्षेत्रों में भी पाकिस्तान की मदद कर रहा है.
इसे भारत के नजरिए से कैसे देखा जाए?
रूस और पाकिस्तान के बीच एक स्टील प्लांट लगाने का समझौता हुआ है. सोवियत संघ की मदद से 1970 के दशक में लगा जो प्लांट 10 साल पहले बंद हो गया था, वहीं यह नया संयंत्र स्थापित होगा. इस समझौते को लेकर यह चिंता जताई जा रही है कि यह रूस और पाकिस्तान के निकट आने का संकेत है, जो भारत के लिए चिंताजनक है. इसके पीछे दोनों देशों के बीच चीन के फैक्टर को अहम बताया जा रहा है.
हालांकि इसमें एक पक्ष और भी है. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे चिंतित होने की कोई ज़रूरत नहीं है. भू-राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए विभिन्न देश अपने हिसाब से संबंध बनाते हैं. 1960-70 के दशक में सोवियत संघ ने भी पाकिस्तान को मदद की थी और बाद में रूस ने भी ऐसा किया है. उसका भारत और रूस के संबंधों पर असर नहीं पड़ा. अफ़ग़ानिस्तान भी एक कारक है, जिसके चलते चीन, रूस और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक सहयोग बढ़ा है.
भारत और रूस की व्यापारिक साझेदारी भी अहम
रूस और पाकिस्तान का द्विपक्षीय व्यापार कोई एक अरब डॉलर का है, जबकि पिछले साल भारत और रूस का व्यापार 70 अरब डॉलर से अधिक रहा था. महज तेल ही नहीं, कई अन्य क्षेत्रों में भी रूस और भारत का कारोबार बहुत अधिक है.
✍️ कुमार