नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) बोरोसिल रिन्यूएबल्स की जर्मनी स्थित अनुषंगी कंपनी जीएमबी ग्लासमैनुफैक्टुर ब्रांडेनबर्ग जीएमबीएच ने कॉटबस स्थित न्यायिक अदालत में जर्मन दिवाला संहिता (इन्सो) के तहत दिवालियेपन के लिए आवेदन किया है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड बीएसई और एनएसई पर दोनों में सूचीबद्ध है।
कंपनी ने बयान में कहा कि यह निर्णय यूरोपीय सौर विनिर्माण परिवेश में बाजार की खराब होती स्थितियों के बाद लिया गया। साथ ही यह तेजी से बढ़ते भारतीय सौर क्षेत्र पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने की कंपनी की मंशा को दर्शाता है।
बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड ने घोषणा की है कि जर्मनी स्थित उसकी अनुषंगी कंपनी जीएमबी ग्लासमैनुफैक्टुर ब्रांडेनबर्ग जीएमबीएच ने कॉटबस स्थित न्यायिक अदालत के समक्ष जर्मन दिवाला संहिता (इन्सो) के तहत दिवालियेपन के लिए आवेदन किया है।
बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड के चेयरमैन पी. खेरुका ने बयान में कहा, ‘‘ यह निर्णय हमारे इस स्पष्ट दृष्टिकोण को दर्शाता है कि भविष्य कहां है और भारत की सौर विनिर्माण कहानी में हमारा विश्वास क्या है। इस कदम के साथ हम भारत में विस्तार की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हैं, जहां अपार संभावनाएं हैं और सक्षम नीतियां हैं। यह दीर्घकालिक दृष्टिकोण से लिया गया एक दूरदर्शी निर्णय है।’’
इस स्थिति में चार जुलाई 2025 से (दिवालियापन दाखिल करने की तिथि) जीएमबी के परिचालन की देखरेख जर्मनी में न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासक द्वारा की जाएगी। बोरोसिल अब जीएमबी के वित्तीय घाटे का हिसाब नहीं रखेगी, जो लगभग नौ करोड़ रुपये प्रति माह है।
बयान के अनुसार, बोरोसिल को आगामी तिमाही परिणामों में जीएमबी की उपरोक्त दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के कारण होने वाले किसी भी प्रभाव का आकलन एवं हिसाब करना होगा।
भाषा निहारिका नरेश
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