शिमला, सात जुलाई (भाषा) हिमाचल के मंडी जिले के थुनाग, गोहर और करसोग उपखंडों में पिछले सप्ताह बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन के बाद लापता हुए 30 लोगों की तलाश के लिए ड्रोन और श्वान दस्ते की मदद से अभियान जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और होमगार्ड के लगभग 250 जवान प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर तलाश एवं बचाव अभियान में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा 20 टीम लगातार जानकारी जुटा रही हैं और दुर्गम क्षेत्रों में राशन एवं मेडिकल किट वितरित कर रही हैं।
अब तक प्रभावित लोगों को 1,538 राशन किट वितरित की जा चुकी हैं और 12.44 लाख रुपये की तत्काल राहत प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों में पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता भेजी जा रही है।
इस आपदा में करीब 225 घर, सात दुकानें, 243 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार कुल 215 मवेशियों की मौत हो चुकी है और 494 को बचाया गया है।
रविवार शाम तक राज्य में 243 सड़कें बंद थीं जिनमें से 183 सड़कें अकेले मंडी जिले की हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 241 ट्रांसफार्मर और 278 जलापूर्ति परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।
इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। नांगल डैम में 56 मिलीमीटर बारिश, ओलिंडा में 46 मिलीमीटर, बरठीं में 44.6 मिलीमीटर, ऊना में 43 मिलीमीटर, नैना देवी में 36.4 मिलीमीटर, गोहर में 29 मिलीमीटर और ब्राह्मणी में 28.4 मिलीमीटर में बारिश हुई।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने 10 जुलाई तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।
भाषा
खारी नरेश
नरेश