इंफाल, सात जुलाई (भाषा) विभिन्न मीडिया संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले मणिपुर के वरिष्ठ पत्रकारों ने ग्वालताबी की घटना पर सरकार की ‘चुप्पी’ के खिलाफ सोमवार को यहां प्रदर्शन किया। ग्वालताबी की घटना का संबंध सुरक्षाकर्मियों द्वारा पत्रकारों को ले जा रही एक बस से कथित तौर पर राज्य का नाम हटा दिये जाने से है।
इस धरना प्रदर्शन का आयोजन ‘ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन’ (एएमडब्ल्यूजेयू) और ‘एडिटर्स गिल्ड मणिपुर’ (ईजीएम) ने संयुक्त रूप से किया था।
यह घटना मई में इंफाल पूर्वी जिले के ग्वालताबी में हुई थी, जब पत्रकारों को ‘शिरुई लिली’ उत्सव को कवर करने के लिए एक सरकारी बस में ले जाया जा रहा था।
हाथ में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए मीडियाकर्मियों ने सुबह यहां केइसाम्पट लेइमाजम लेइकाई में प्रदर्शन किया।
ईजीएम के अध्यक्ष खोगेंद्रो खोमद्रम ने कहा, ‘‘20 मई की घटना की जांच के लिए गठित समिति ने पहले ही राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि, 40 दिन बीत जाने के बाद भी हमें इस पर कोई प्रगति देखने को नहीं मिली है। हम राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग करते हैं।’’
व्यापक आलोचना के बाद मणिपुर सरकार ने घटना से जुड़े ‘तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करने’ के लिए दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था।
भाषा संतोष नरेश
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