(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, सात जुलाई (भाषा) चीन ने सोमवार को कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर बधाई देने तथा समारोह में भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति को लेकर भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है।
चीन ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर बीजिंग की संवेदनशीलता को पूरी तरह समझना चाहिए।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां एक पत्रकार वार्ता में कहा कि तिब्बत से संबंधित मामलों पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है तथा यह सभी को पता है।
माओ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर बधाई देने तथा उनके जन्मदिन समारोह में वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति के बारे में पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रही थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि 14वें दलाई लामा राजनीतिक निर्वासन में हैं, जो लंबे समय से अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं और धर्म की आड़ में शिजांग को चीन से अलग करने का प्रयास करते रहे हैं।
चीन तिब्बत को शिज़ांग कहता है।
उन्होंने कहा कि भारत को शिजांग से संबंधित मुद्दों की संवेदनशीलता को पूरी तरह समझना चाहिए तथा 14वें दलाई लामा की अलगाववादी प्रकृति को पहचानना चाहिए और शिजांग से संबंधित मुद्दों पर चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत को विवेकपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए और बोलना चाहिए तथा इस मुद्दे का इस्तेमाल चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर ‘चीन ने भारतीय पक्ष के समक्ष विरोध जताया है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को दलाई लामा को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के स्थायी प्रतीक रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू और राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और सिक्किम के मंत्री सोनम लामा धर्मशाला में उनके जन्मदिन के समारोह में शामिल हुए थे।
भाषा
नोमान नरेश
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