नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान राजधानी के जनकपुरी और विकासपुरी इलाकों में हुई हिंसा के संबंध में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार का बयान सोमवार को दर्ज किया।
विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह ने कुमार का बयान दर्ज किया। कुमार ने कहा कि वह निर्दोष है क्योंकि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
कुमार ने दावा किया कि निष्पक्ष जांच नहीं की गई और उसे निराधार आरोप लगाकर फंसाया गया।
कुमार ने कहा, ‘‘किसी भी गवाह ने मेरा नाम नहीं लिया। दशकों बाद मेरा नाम सामने आया। मेरे खिलाफ मामला झूठा और राजनीति से प्रेरित है। मैंने इलाके में सद्भाव पैदा करने के लिए रक्तदान शिविरों और शांति मार्च का आयोजन किया। मेरा ‘लाइव डिटेक्टर’ (पॉलीग्राफ) परीक्षण किया गया, जिसमें मैं स्वेच्छा से शामिल हुआ ताकि मैं अपनी बेगुनाही साबित कर सकूं।’’
इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तारीख तय की।
सिख विरोधी दंगों के दौरान इलाकों में हुई हिंसा की शिकायतों के आधार पर फरवरी 2015 में एक विशेष जांच दल ने कुमार के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं।
पहली प्राथमिकी जनकपुरी में हुई हिंसा को लेकर थी। इस दौरान एक नवंबर 1984 को दो लोगों- सोहन सिंह और उसके रिश्तेदार अवतार सिंह की हत्या कर दी गई थी।
दूसरी प्राथमिकी गुरचरण सिंह के मामले में दर्ज की गई थी, जिसे दो नवंबर, 1984 को विकासपुरी में कथित तौर पर जला दिया गया था।
भाषा सिम्मी प्रशांत
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