31.3 C
Jaipur
Tuesday, July 8, 2025

उपराष्ट्रपति ने न्यायाधीश के आवास से नकदी मिलने के मामले की आपराधिक जांच शुरू करने की उम्मीद जतायी

Newsउपराष्ट्रपति ने न्यायाधीश के आवास से नकदी मिलने के मामले की आपराधिक जांच शुरू करने की उम्मीद जतायी

कोच्चि, सात जुलाई (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नयी दिल्ली में एक न्यायाधीश के आधिकारिक आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने के मामले की आपराधिक जांच शुरू की जाएगी।

उन्होंने इस घटना की तुलना शेक्सपीयर के नाटक जूलियस सीजर के एक संदर्भ ‘‘आइडस आफ मार्च’’ से की, जिसे आने वाले संकट का प्रतीक माना जाता है।

रोमन कलैंडर में आइडस का अर्थ होता है, किसी महीने की बीच की तारीख। मार्च, मई, जुलाई और अक्टूबर में आइडस 15 तारीख को पड़ता है।

इस घटना का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि अब मुद्दा यह है कि यदि नकदी बरामद हुई थी तो शासन व्यवस्था को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए थी और पहली प्रक्रिया यह होनी चाहिए थी कि इससे आपराधिक कृत्य के रूप में निपटा जाता, दोषी लोगों का पता लगाया जाता और उन्हें कठघरे में खड़ा किया जाता।

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लीगल स्ट्डीज (एनयूएएलएस) में छात्रों और संकाय सदस्यों से बातचीत करते हुए उन्होंने उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने की तुलना ‘‘आइडस आफ मार्च’’ से की।

उल्लेखनीय है कि रोम के सम्राट जूलियस सीजर की हत्या 15 मार्च, 44 ईसा पूर्व को हुई थी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि 14-15 मार्च की रात को न्यायपालिका को भी ‘‘आइडस आफ मार्च’’ का सामना करना पड़ा, जब बड़ी मात्रा में नकदी मिलने की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की गयी थी लेकिन अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी।

धनखड़ ने कहा कि इस मामले से शुरुआत से ही एक आपराधिक मामले के तौर पर निपटा जाना चाहिए था, लेकिन उच्चतम न्यायालय के 90 के दशक के एक फैसले के कारण केंद्र सरकार के हाथ बंधे हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी। केंद्र सरकार इस मामले में उच्चतम न्यायालय के 90 के शुरुआती दशक के एक फैसले के कारण कार्रवाई करने में असमर्थ है, जिसकी वजह से प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी।’’

उनका यह बयान उन खबरों के बीच आया है कि न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर आग लगने के बाद वहां बड़ी मात्रा में अघोषित नकदी बरामद होने के बाद संसद में उनके खिलाफ महाभियोग लाने की प्रक्रिया चल रही है।

न्यायाधीश वर्मा ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति को जवाब सौंप चुके हैं।

इसके बावजूद उनसे न्यायिक कार्य वापस ले लिए गए हैं और बाद में उनका तबादला इलाहाबाद उच्च न्यायालय कर दिया गया, जहां उच्चतम न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश को उन्हें कुछ समय के लिए कोई न्यायिक दायित्व न सौंपने का निर्देश दिया है।

इस मामले की जांच कर रही समिति ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा और दिल्ली दमकल सेवा प्रमुख अतुल गर्ग समेत 50 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं।

भाषा गोला नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles