नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर शेयर बाजार के बारे में डर और गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि इसने लाखों खुदरा निवेशकों के लिए धन सृजन किया है जिन्होंने म्यूचुअल फंड और आईपीओ के माध्यम से इसमें भाग लिया है।
भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने लोकसभा में विपक्ष के नेता पर यह पलटवार ऐसे समय किया है, जब गांधी ने हेज फंड जेन स्ट्रीट के खिलाफ बाजार नियामक की कार्रवाई के बाद सेबी पर हमला किया। जेन स्ट्रीट पर सूचकांकों में हेरफेर करने का आरोप है।
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने 2024 में साफ कहा था कि वायदा एवं विकल्प (एफ एंड ओ) बाजार ‘बड़े खिलाड़ियों’ का खेल बन चुका है, और छोटे निवेशकों की जेब लगातार कट रही है। अब सेबी खुद मान रहा है कि ‘जेन स्ट्रीट’ ने हजारों करोड़ रूपये की हेरफेर की।’’
उन्होंने सवाल किया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इतने समय तक चुप क्यों रहा, क्या मोदी सरकार किसी के इशारे पर आंखें मूंदे बैठी थी और कितने बड़े ‘‘शार्क’’ अब भी खुदरा निवेशकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं?
पलटवार करते हुए मालवीय ने कहा कि सेबी द्वारा एक वैश्विक संस्था पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई स्पष्ट सबूत है कि छोटे निवेशकों की सुरक्षा के लिए कड़ी नियामक कार्रवाई की जा रही है जिसे गांधी ‘सनसनीखेज’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मालवीय ने कहा कि यदि सेबी चुप रहती, जैसा कि गांधी दावा करते हैं, तो कोई जांच नहीं होती, कोई प्रतिबंध नहीं होता, और कोई सुर्खियां नहीं बनती; उनका पूरा आरोप वहीं ध्वस्त हो जाता है।
उन्होंने कहा कि गांधी ‘बड़ी शार्क’ के बारे में बात करते हैं, लेकिन यह आसानी से भूल जाते हैं कि यह मोदी सरकार के सुधार ही हैं, जिन्होंने सेबी को पहले से कहीं अधिक पारदर्शी, सतर्क और स्वतंत्र बनाया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस के शासन में घोटालेबाजों को खुली छूट थी – हर्षद मेहता, केतन पारेख और यूटीआई घोटाला – ये सब उनकी निगरानी में हुआ, जबकि नियामक आंखें मूंदे रहे।’
भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार ने मार्च 2025 से बाजार पूंजीकरण में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़े हैं, जो दुनिया के शीर्ष 10 बाजारों में सबसे अधिक लाभ है और भारतीय शेयर बाजार ने पिछले एक दशक में हर प्रमुख उभरते बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड उद्योग 10 वर्षों में 576 प्रतिशत बढ़ा है, जिसमें एयूएम (प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां) आठ लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 54 लाख करोड़ रुपये हो गई है। निवेशकों की भागीदारी एक करोड़ से बढ़कर चार करोड़ से अधिक हो गई है।
गांधी पर हमला करते हुए मालवीय ने आरोप लगाया, ‘बालकबुद्धि फिर से सक्रिय हो गया है, भारतीय शेयर बाजार के बारे में भय और गलत सूचना फैला रहा है, और इस दौरान चुपचाप पृष्ठभूमि में अपना पोर्टफोलियो बढ़ा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘एसआईपी योगदान केवल सात वर्षों में 4.5 गुना बढ़ गया है। पिछले चार वर्षों में ही आईपीओ के माध्यम से तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए हैं, जिससे आम भारतीयों को अधिक पहुंच और अवसर मिले हैं।’
गांधी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘तो, वास्तव में अमीरों को और अमीर कौन बना रहा है? इस बाजार में केवल एक चीज घट रही है और वह है कांग्रेस पार्टी की विश्वसनीयता। अगर राहुल गांधी को बाजार के कामकाज के बारे में थोड़ी भी बुनियादी समझ होती, तो उन्हें पता होता कि मजबूत विनियमन, बढ़ती भागीदारी और लोकतांत्रिक निवेश पारिस्थितिकी तंत्र वास्तव में वही है जिसकी छोटे निवेशकों को जरूरत है।’
उन्होंने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति से आर्थिक साक्षरता की उम्मीद करना, जिसकी विरासत केवल नारे और घोटाले ही हों, बहुत ज्यादा उम्मीद करना होगा।
भाषा आशीष माधव अजय
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