चंडीगढ़, सात जुलाई (भाषा) भारतीय सेना ने 1999 के करगिल युद्ध के नायक कैप्टन विक्रम बत्रा को सोमवार को यहां डीएवी कॉलेज में श्रद्धांजलि दी।
कैप्टन बत्रा सात जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय के दौरान युद्ध में शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत 13 जेएके राइफल्स के कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरतापूर्ण सेवा के परिचय के साथ हुई।
कैप्टन बत्रा के पिता जी एल बत्रा और उनके जुड़वां भाई विशाल बत्रा को सेना की ओर से एक स्मृति चिह्न और आभार पत्र भेंट किया गया।
बयान के अनुसार, यह कार्यक्रम शहीदों के परिवारों से जुड़ने के लिए एक विशेष अभियान का हिस्सा था। बयान में कहा गया है कि कैप्टन बत्रा को भारतीय सेना की श्रद्धांजलि उनके बलिदान और बहादुरी के प्रति राष्ट्र की स्थायी कृतज्ञता का प्रमाण है।
इस अवसर पर चंडीगढ़ स्थित एनसीसी के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर वी. एस. चौहान ने एनसीसी कैडेट को संबोधित करते हुए उन्हें कैप्टन बत्रा के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया।
डीएवी कॉलेज प्रिंसिपल मोना नारंग ने गर्व व्यक्त किया कि कैप्टन विक्रम बत्रा उनके संस्थान के पूर्व छात्र थे।
जी. एल. बत्रा ने कहा कि उनके बेटे का बलिदान और बहादुरी भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि उनके बेटे का नारा ‘ये दिल मांगे मोर’ आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है।
कार्यक्रम के दौरान, सैनिक के जीवन पर एक लघु फिल्म दिखाई गई।
जम्मू कश्मीर में करगिल की बर्फीली चोटियों पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में भारत को अपने ऑपरेशन विजय के साथ जीत हासिल हुए 26 साल हो चुके हैं। तब से भारतीय सेना 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाती है।
भाषा अमित सुरेश
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