लखनऊ, सात जुलाई (भाषा) पारंपरिक औषधियों को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार आयुर्वेदिक उत्पादों के उत्पादन में पंचगव्य का उपयोग करने की पहल शुरू कर रही है।
पंचगव्य गाय के पांच उत्पादों अर्थात् दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर से बना एक जैविक मिश्रण है।
सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, पंचगव्य के आधार पर बड़े पैमाने पर उत्पाद बनाए जाएंगे जिससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और गोशालाओं की उपयोगिता भी पहले से अधिक बढ़ जाएगी।
इस योजना के तहत, गोमूत्र आधारित औषधियों का उपयोग मधुमेह, हृदय रोग, गठिया, त्वचा रोग, अस्थमा, साइनसाइटिस और एनीमिया सहित 19 रोगों के उपचार में किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष विभाग के सहयोग से पंचगव्य आधारित उत्पादों के निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की योजना है कि पंचगव्य से बनने वाले उत्पादों को आधुनिक अनुसंधान से जोड़कर प्रमाणिक बनाया जाए।
भाषा राजेंद्र नोमान
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