(फाइल फोटो सहित)
शिमला, सात जुलाई (भाषा) कांग्रेस द्वारा मंडी से लोकसभा सदस्य कंगना रनौत पर अपने निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाने के बाद रनौत ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नीत सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लोगों को निराश किया है।
रनौत ने मंडी जिले के गोहर क्षेत्र में सैंज पंचायत के आपदा प्रभावित पंगलूर गांव का दौरा किया, जहां दो परिवारों के नौ सदस्य बह गए थे। उन्होंने दावा किया कि राज्य भर के लोग कांग्रेस सरकार से नाखुश हैं और ‘दुखी’ महसूस कर रहे हैं।
क्षेत्र के लिए जलवायु परिवर्तन को बढ़ते खतरे के रूप में रेखांकित करते हुए रनौत ने नदी में गाद के सर्वेक्षण और आपदा-संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पुनर्वास का आह्वान किया।
पिछले मंगलवार को मंडी जिले में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुई भारी तबाही में 14 लोगों की मौत हो गई, पांच घायल हो गए और 28 अभी भी लापता हैं।
रनौत के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल और स्थानीय विधायक विनोद कुमार भी थे। नेताओं ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और नुकसान का जायजा लिया।
रनौत ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा, ‘कांग्रेस नेता मुझे गलत संदर्भ में उद्धृत कर रहे हैं और हर चीज के लिए मुझे दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि पीड़ितों को राहत पहुंचाना राज्य सरकार का कर्तव्य है।’
उन्होंने कहा, ‘रविवार को सड़क साफ होने के बाद मैं थुनाग पहुंचने वाली पहली व्यक्ति थी। अगर वे मेरे नाम का इस्तेमाल करना जारी रखते हैं, तो इससे मैं यहां और भी लोकप्रिय हो जाऊंगी। वे यह कह रहे हैं कि केवल मैं ही सब कुछ ठीक कर सकती हूं – जो गलत और शर्मनाक दोनों है।’’
कांग्रेस नेताओं द्वारा उन पर अनुपस्थित रहने और उदासीन रहने का आरोप लगाने के बारे में पूछे जाने पर रनौत ने कहा कि उन्हें उन लोगों से उपदेश की आवश्यकता नहीं है जिन्होंने हिमाचल को सभी मोर्चों पर विफल कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘जब पत्रकारों ने मुझसे कल पूछा ‘आप हिमाचल का पुनर्निर्माण कब कर रही हैं?’ तो मैंने जवाब दिया कि मेरे पास एजेंसियां या मंत्रिमंडल नहीं है। यह मेरा काम नहीं है।’
रविवार को रनौत ने कहा कि राहत और बचाव कार्य राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘एक सांसद के तौर पर मैं केवल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्थिति से अवगत करा सकती हूं और केंद्रीय सहायता का अनुरोध कर सकती हूं।’
उन्होंने कहा, ‘हम केंद्र और राज्य के बीच कड़ी के रूप में काम करते हैं और निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाते हैं। मेरे पास कोई मंत्रिमंडल या नौकरशाही नहीं है – मैं केवल उपायुक्तों के साथ स्थिति की समीक्षा कर सकती हूं और विवरण दे सकती हूं।’
पिछले साल लोकसभा चुनाव में रनौत के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने टिप्पणी की थी, ‘लोगों की मदद करने के लिए आपको कुर्सी की जरूरत नहीं है। मंत्रिमंडल हो या न हो, दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी है।’
रविवार को थुनाग की अपनी यात्रा के दौरान रनौत ने कहा था कि जिस तरह से राहत कार्य किया जा रहा है, कांग्रेस ‘अगले 20 वर्षों तक’ राज्य में सत्ता में नहीं लौटेगी। थुनाग उपखंड सेराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर करते हैं।
भाषा आशीष दिलीप
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