पटना, सात जुलाई (भाषा) भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सोमवार को आरोप लगाया कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण से यह सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अनुकूल हो जाएगी।
वामपंथी नेता ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग “तटस्थ नहीं” है क्योंकि इसके सदस्यों का चयन प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री सहित एक समिति द्वारा किया गया।
भट्टाचार्य ने आरोप लगाया, “विपक्ष के नेता उस समिति में हो सकते हैं, लेकिन उनकी संख्या कम है। ऐसे में आयोग के सदस्य सरकार के प्रति जवाबदेह होते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम जहां बड़ी संख्या में मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने के इस प्रयास के खिलाफ हैं, भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) जैसी पार्टियां मौन रूप से इस कवायद का समर्थन कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप बना दी जाएगी।”
भट्टाचार्य ने कहा, “हम इस कदम का विरोध करना जारी रखेंगे। यही कारण है कि हमने नौ जुलाई को चक्का जाम के दौरान इस मुद्दे को उठाने का फैसला किया है, जब मजदूर संघ नई श्रम संहिता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। विशेष गहन संशोधन चार श्रम संहिताओं से भी अधिक खतरनाक है, जो लोगों की नौकरियों को खतरे में डालती हैं। बिहार में यह कवायद लोगों के मताधिकार को खतरे में डालती है।”
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प्रशांत नेत्रपाल
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