अगरतला, आठ जुलाई (भाषा) त्रिपुरा के वित्त मंत्री प्रणजीत सिंघा रॉय ने बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए संभावित राजस्व घाटे पर 16वें वित्त आयोग से विशेष ध्यान देने की मांग की है। एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश से तीन तरफ से घिरे पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की अर्थव्यवस्था द्विपक्षीय संबंधों और दोनों पक्षों के बीच निर्यात-आयात पर काफी हद तक निर्भर है।
बयान के अनुसार, ‘‘16वें वित्त आयोग ने सोमवार को दिल्ली में सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में शामिल हुए वित्त मंत्री प्रणजीत सिंघा रॉय ने राज्य के समग्र विकास और आधारभूत संरचना निर्माण के लिए सहायता की जोरदार मांग की।’’
रॉय ने बैठक में कहा, ‘‘राज्य की अर्थव्यवस्था और राजस्व संग्रह मुख्य रूप से भारत-बांग्लादेश संबंधों और निर्यात-आयात पर निर्भर हैं। बांग्लादेश में वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य की सामाजिक-आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है। इसके चलते चिकित्सा संबंधी आवागमन पर भी असर पड़ा है।’’
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में संभावित राजस्व घाटे पर वित्त आयोग को विशेष ध्यान देना चाहिए।
वित्त मंत्री ने त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के समग्र विकास के लिए विशेष अनुदान की भी मांग की।
उन्होंने वन और पारिस्थितिकी के लिए विशेष बजट प्रावधान और विशेष रूप से रेल और सड़क संपर्क के लिए आधारभूत संरचना निर्माण हेतु अनुदान की भी मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘मानसून के दौरान सड़क और रेल संपर्क प्रभावित होते हैं जिससे राज्य की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होती है। इसलिए, मैं वित्त आयोग से अनुरोध करता हूं कि ऐसे विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जाए।’’
इससे पहले, पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के सचिव सतींदर कुमार भल्ला ने चार जुलाई को शिलांग में राज्य प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी।
एक अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में अगरतला में एक ऊर्जा पार्क और डायबिटीज रिसर्च सेंटर की स्थापना, बर्मुरा में गैस आधारित विद्युत संयंत्र और धलाई जिले के अंबासा में ट्रॉमा सेंटर निर्माण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
भाषा राखी मनीषा
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