27.9 C
Jaipur
Monday, September 1, 2025

सिक्किम में सार्वजनिक स्थलों पर बनाए गए ‘स्तनपान पॉड’, महिलाओं के लिए बड़ी राहत

Newsसिक्किम में सार्वजनिक स्थलों पर बनाए गए ‘स्तनपान पॉड’, महिलाओं के लिए बड़ी राहत

(तस्वीर सहित )

( आनंद ओबरॉय )

गंगटोक, आठ जुलाई (भाषा) सिक्किम में राज्य सरकार की एक पहल से बड़ी संख्या में महिलाओं को राहत मिली हैं क्योंकि वे अब भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर एक साफ-सुथरी, सुरक्षित और निजी जगह में अपने बच्चों को स्तनपान करा पा रही हैं।

राज्य के महिला, बाल, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग कल्याण एवं विकास विभाग ने इस हिमालयी राज्य के कुल छह जिलों में से पांच जिलों के बड़े बाजारों में छह ‘स्तनपान पॉड’ स्थापित किए हैं और छठे जिले में भी इसी तरह की सुविधाएं स्थापित करने की योजना है।

इसके अलावा, एक अन्य ‘पॉड’ राजधानी गंगटोक में जिला प्रशासन द्वारा संचालित किया जा रहा है।

विभाग द्वारा स्थापित नवीनतम ‘स्तनपान पॉड’ का उद्घाटन तीन जुलाई को पाक्योंग जिले के पाक्योंग बाजार में किया गया। इस अवसर पर कई महिलाएं भी मौजूद थीं जो इस सुविधा को देखने आई थीं।

विभाग की संयुक्त निदेशक पेमा ल्हामू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अब ये ‘पॉड’ गंगटोक, मंगन, नामची, सोरेंग, रंगपो और पाक्योंग शहरों में कार्यरत हैं। हम ग्यालशिंग जिले के मुख्यालय में भी एक और ‘स्तनपान पॉड’ स्थापित करेंगे।’’

‘स्तनपान पॉड’ एक नवीनतम पहल है। ये ऐसे निजी स्थान होते हैं, जिन्हें सार्वजनिक स्थलों और कार्यस्थलों पर स्तनपान कराने वाली माताओं की सहायता के लिए बनाया गया है। ये सुविधाएं उन्हें एक आरामदायक और सुरक्षित वातावरण प्रदान करती हैं जहां वे अपने बच्चों को स्तनपान करा सकें या थोड़ी देर विश्राम कर सकें।

यह एक बहुत बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले माताओं को अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिए संकरी गलियों या सार्वजनिक शौचालयों जैसी जगहों का सहारा लेना पड़ता था।

See also  "नक्सलवाद पर सख्त लेकिन पारदर्शी कार्रवाई जरूरी: रायपुर में बोले सचिन पायलट"

ल्हामू ने बताया कि प्रशासन की आगामी दिनों में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों और उप-मंडलीय शहरों में और अधिक ‘स्तनपान पॉड’ स्थापित करने की योजना है।

विभाग की संयुक्त निदेशक ने उस वाकये को साझा किया जिसने सिक्किम में इस पहल की शुरुआत की प्रेरणा दी।

उन्होंने बताया, “हमें मंगन जिले के एक बाजार से एक रिपोर्ट मिली थी, जहां एक महिला अपने बच्चे को बोतल से दूध पिला रही थी। जब हमारे विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उससे पूछा कि वह स्तनपान क्यों नहीं करा रही हैं, तो उसने जवाब दिया कि सार्वजनिक स्थानों पर बच्चे को दूध पिलाना असहज लगता है और इसमें शर्म आती है। इसी बातचीत ने हमें 2024 में इस समस्या को सुलझाने की दिशा में काम शुरू करने के लिए प्रेरित किया।”

चार महीने के शिशु समेत दो बच्चों की मां शनी तमांग ने बताया कि वह पाक्योंग बाजार में फेरी लगाती हैं और यह नया ‘पॉड’ उनके जैसे स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक वरदान बनकर आया है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह पॉड हॉकर बाजार के पास है। मेरे जैसी दो और माताएं वहां स्टॉल चलाती हैं, और हम रोजाना इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। इसने जो सहूलियत हमें दी है, वह सराहनीय है।’’

सिक्किम में महिलाएं दुकानों और व्यवसायों को संचालित करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं।

गंगटोक जिले में सिंगताम की बुजुर्ग महिला कंचन गुरुंग ने इस पहल का स्वागत किया। उनके नौ नाती-पोते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समय में ऐसे स्थान नहीं थे। जब बच्चों को दूध पिलाना होता था, तो हमें इमारतों के बीच या सार्वजनिक शौचालयों में जाना पड़ता था। समय के साथ आगे बढ़ना इसी को कहते हैं।’’

See also  Innovation, R&D Focus, and Policy Reforms could Steer India to a $970 Million Vegetable Seed Hub by 2030

भाषा गोला मनीषा नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles