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Wednesday, August 20, 2025

बहराइच में लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर लगने वाले मेले पर लगाई रोक

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बहराइच (उप्र), 31 मई (भाषा) बहराइच जिले में कतर्नियाघाट जंगल के कोर क्षेत्र में स्थित लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर हर साल आयोजित किए जाने वाले एक दिवसीय मेले पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

प्रशासन ने मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है। वही, मेला आयोजकों ने इस फैसले पर विरोध जताया है।

कतर्नियाघाट के प्रभागीय वन अधिकारी बी. शिवशंकर ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘प्रभाग के मुर्तिहा रेंज में लक्कड़ शाह की मजार है जहां ज्येष्ठ माह में आयोजित होने वाले एक दिवसीय मेले में काफी भीड़ होती है। यह स्थान जंगल के कोर क्षेत्र में आता है इसीलिए पिछले चार सालों से यहां भीड़ एकत्र करने पर रोक लगाई जा रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने यहां ‘स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स’, सशस्त्र सीमा बल, पुलिस व वन विभाग के लोगों को भीड़ रोकने के लिए जिम्मेदारी दी गई थी जिससे वहां भीड़ एकत्र न हो और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसी घटनाएं न हो।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘मजार पर धार्मिक क्रियाकलाप और जियारत पर कोई रोक नहीं लगाई गयी है। क्षेत्र में भीड़ रोकने के लिए वाहनों के आवागमन व आग जलाकर खाना बनाने व वहां रुकने या रात्रि विश्राम पर रोक लगाई गयी है।’’

शिवशंकर ने बताया कि मजार के प्रबंधकों ने इस स्थान को वक्फ की जमीन बताकर वन विभाग के समक्ष अपना दावा पेश किया था, लेकिन जमीन के स्वामित्व संबंधी कोई कागजात वह पेश नहीं कर सके इसलिए उनके दावे खारिज हो गए थे।

इस संबंध में लक्कड़ शाह मजार प्रबंध समिति के अध्यक्ष रईस अहमद ने कहा कि हिंदू मुस्लिम एकता की प्रतीक इस दरगाह पर दोनों धर्म के लोगों की आस्था है जहां 40 प्रतिशत मुस्लिम और 60 प्रतिशत हिंदू लोग आते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सदियों से यहां मेले लगते रहे हैं। पहली बार इतनी सख्ती की जा रही है कि लाठी लेकर जनता को भगाया जा रहा हैं, खाना बना रहे जायरीन के चूल्हे में पानी तक डाल दिया गया। जो वन विभाग अभी तक यहां नीलामी द्वारा ठेके देता था, ‘वर्क ऑर्डर’ जारी करता था, वही अब इसे अतिक्रमण बता रहा है।’’

इससे पहले, बहराइच की मशहूर सैयद सालार मसूद गाजी दरगाह पर ज्येष्ठ माह में लगने वाले मेले पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगा दिया गया था।

भाषा सं सलीम खारी

खारी

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