मुंबई, आठ जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना (उबाठा) को नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए पत्र सौंपने में तीन महीने से अधिक का समय लगा और अगर वह इस पर निर्णय लेने में थोड़ा समय लेते भी हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
शिवसेना (उबाठा) नेता भास्कर जाधव का नाम नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा गया है। जाधव ने मामले पर निर्णय लेने में देरी को लेकर अफसोस जताया।
प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई को शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति के लिए सदन द्वारा बधाई प्रस्ताव पारित करने के बाद मंगलवार को जाधव ने यह मुद्दा उठाया।
नार्वेकर ने कहा कि मौजूदा विधानसभा 24 नवंबर, 2024 को अस्तित्व में आई और इसका पहला सत्र पिछले साल सात दिसंबर को बुलाया गया था।
नार्वेकर ने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए मुझे पत्र सौंपे जाने में साढ़े तीन महीने लग गए। अगर निर्णय लेने में ढाई महीने लग जाएं तो कोई बात नहीं।’’
भाजपा, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ ने पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी।
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (उबाठा) सहित विपक्षी दलों के विधायकों की संख्या 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में करीब 50 है।
पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना (उबाठा) के पास 20 विधायक हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व में विपक्ष के नेता का पद विपक्षी दलों को दिया गया था, जबकि उस समय उन्होंने 10 प्रतिशत सीट भी नहीं जीती थीं।
राउत ने कहा कि भले ही विधायकों की संख्या कम हो, लेकिन संविधान में ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि सदन को विपक्ष के नेता के बिना काम करना चाहिए।
भाषा सुरभि मनीषा
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