बर्लिन, आठ जुलाई (एपी) जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसने चीनी युद्धपोत द्वारा लाल सागर में एक जर्मन विमान पर लेजर का इस्तेमाल करने के विरोध में चीन के राजदूत को तलब किया है।
जर्मन रक्षा मंत्रालय ने कहा कि निगरानी विमान यूरोपीय संघ के मिशन एस्पाइड्स का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य यमन स्थित हूती विद्रोहियों के हमलों से नागरिक जहाजों की बेहतर सुरक्षा करना है।
उसने बताया कि इस महीने की शुरुआत में एक चीनी युद्धपोत द्वारा “बिना किसी कारण या पूर्व संपर्क के” इस पर लेजर से हमला किया गया। ऐसा इस क्षेत्र में कई बार हुआ था।
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने सरकारी नीति के अनुरूप नाम न बताने की शर्त पर कहा, “लेजर का उपयोग करके युद्धपोत ने लोगों और सामग्री को खतरे में डालने का जोखिम स्वीकार किया है।”
मंत्रालय ने कहा कि एहतियात के तौर पर विमान का मिशन रद्द कर दिया गया। उसने कहा कि विमान जिबूती में बेस पर सुरक्षित उतरा और चालक दल के सदस्य स्वस्थ हैं। मंत्रालय ने कहा कि विमान का संचालन एक असैन्य वाणिज्यिक सेवा प्रदाता द्वारा किया जा रहा था, लेकिन इसमें जर्मन सेना के जवान भी शामिल थे, तथा इसने लाल सागर में यूरोपीय संघ मिशन के साथ अपना परिचालन पुनः शुरू कर दिया है।
जर्मन विदेश कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि “जर्मन कर्मियों को खतरे में डालना और ऑपरेशन को बाधित करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।”
चीन के प्रवक्ताओं ने मंगलवार को तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।
यूरोपीय संघ का मिशन केवल असैनिक जहाजों की रक्षा करता है और किसी भी सैन्य हमले में भाग नहीं लेता है। लाल सागर का दक्षिणी भाग एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है।
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प्रशांत नरेश
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