नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने मंगलवार को अपने दैनिक बुलेटिन में बताया कि असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चार नदियों में भीषण बाढ़ आ गयी है, जबकि 11 अन्य नदियां चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही हैं।
बुलेटिन के अनुसार, किसी भी नदी ने पिछले उच्चतम बाढ़ स्तर को पार नहीं किया है, जबकि असम के गोलाघाट जिले में धनसिरी (दक्षिण) और नुमालीगढ़ में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी मंडला में 437.67 मीटर की ऊंचाई पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी, हालांकि जल स्तर में कमी देखी गयी है। वहीं, महाराष्ट्र के भंडारा में वैनगंगा नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है।
इनके अलावा, असम, बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में 11 नदियां ‘‘सामान्य से ऊपर’’ श्रेणी में दर्ज की गयी हैं, जहां जल स्तर चेतावनी स्तर को पार कर चुका है लेकिन खतरे के स्तर से नीचे बना हुआ है।
इनमें असम की कई नदियां शामिल हैं, जैसे नेमाटीघाट और तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी, शिवसागर में दीखौ नदी और करीमगंज में कुशियारा नदी, जहां जल स्तर में गिरावट या स्थिरता देखी गई। यह संकेत देता है कि बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में एल्गिनब्रिज पर घाघरा नदी, बिहार के डुमरिया घाट पर गंडक नदी, और ओडिशा में बैतरणी तथा जलका नदियां भी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही हैं, हालांकि इनके जल बहाव में भिन्नता देखी गई है।
इस बीच, सीडब्ल्यूसी ने 35 बांधों और बैराज के लिए जलप्रवाह पूर्वानुमान जारी किए हैं, जहां पानी का बहाव खतरे की सीमा से ऊपर पहुंच गया है। इनमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के प्रमुख जलाशय शामिल हैं, जैसे श्रीशैलम, मैथन, आलमट्टी, इंदिरा सागर और दुर्गापुर बैराज।
कुछ स्थानों पर स्थानीय स्तर पर भीषण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, लेकिन देशभर में कहीं भी अत्यंत भीषण बाढ़ की स्थिति नहीं देखी गई है।
भाषा
गोला अविनाश
अविनाश