चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान के इंटरव्यू और उनके खुलासों के बाद कांग्रेस अब विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है. भले ही सीडीएस ने बड़ा ही स्पष्ट और रणनीतिक जवाब दिया हो, लेकिन उनके बयान में अब कांग्रेस को एक राजनीतिक हथियार मिल गया है. कांग्रेस की मांग है कि कई अहम सवालों का जवाब देने के लिए सरकार को तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा देश की मौजूदा रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा कराई जाए. दरअसल, अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष में विमान के नुकसान की बात स्वीकार की है. इसी बयान के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है.
आखिरी कांग्रेस ने क्यों सत्र बुलाने की मांग तेज की?
चौहान ने ‘ब्लूमबर्ग टीवी’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि यह पता लगाना अधिक महत्वपूर्ण है कि विमान का नुकसान क्यों हुआ, ताकि भारतीय सेना रणनीति में सुधार कर सके. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘सिंगापुर में एक साक्षात्कार में सीडीएस द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर, कुछ बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न हैं जिन्हें पूछे जाने की आवश्यकता है. ये तभी पूछे जा सकते हैं जब संसद का विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाए.’ उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
खरगे ने कहा, ‘हमारी वायुसेना के पायलट दुश्मन से लड़ते हुए अपनी जान जोखिम में डाल रहे थे. हमें कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन हमारे पायलट सुरक्षित हैं. हम उनके दृढ़ साहस और बहादुरी को सलाम करते हैं. हालांकि, एक व्यापक रणनीतिक समीक्षा समय की मांग है.
कारगिल का जिक्र छेड़कर जयराम रमेश ने भी उठाई मांग
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘29 जुलाई 1999 को, (तत्कालीन) वाजपेयी सरकार ने भारत के रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रमण्यम, जिनके पुत्र अब हमारे विदेश मंत्री हैं, की अध्यक्षता में कारगिल समीक्षा समिति का गठन किया था. यह कारगिल युद्ध समाप्त होने के ठीक तीन दिन बाद की बात है.”
उन्होंने कहा कि इस समिति ने पांच महीने बाद अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी और ‘फ़्रॉम सरप्राइज़ टू रेकनिंग’ शीर्षक वाली रिपोर्ट को आवश्यक संशोधनों के बाद 23 फरवरी 2000 को संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखा गया. रमेश ने सवाल किया कि क्या अब सीडीएस ने सिंगापुर में जो खुलासा किया है, उसके आलोक में मोदी सरकार भी वैसा ही कदम उठाएगी?
CDS के वो बयान, जिनके सहारे कांग्रेस कुछ ढूंढ रही है!
दरअसल, ANI, रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग जैसे एजेंसियों को अनिल चौहान ने इंटरव्यू देते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान पूरी स्थिति का ब्यौरा दिया. उन्होंने कहा कि 7 तारीख को शुरुआत में कुछ नुकसान हुए, लेकिन संख्या मायने नहीं रखती. अहम बात ये है कि नुकसान क्यों हुआ और उसके बाद हमने क्या किया. हमने रणनीति सुधारी और 7, 8 व 10 को फिर लौटे. 10 तारीख को बड़ी संख्या में पाक एयरबेस पर गहरे अंदर तक सटीक हमले किए और उनके एयर डिफेंस को भेदकर घुसे.
रॉयटर्स से बातचीत में चीफ ऑफ डिफेंस बोले कि इस ऑपरेशन के दौरान, मैंने पाया कि दोनों पक्ष अपने विचारों और कार्यों में बहुत अधिक तर्कसंगतता प्रदर्शित कर रहे हैं तो हम यह क्यों मान लें कि परमाणु क्षेत्र में किसी और की ओर से तर्कहीनता होगी?
क्या पाकिस्तान ने 6 भारतीय जेट गिराए?
उन्होंने कहा, “अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलतियों को समझ पाए, उन्हें सुधारा, सुधारा और फिर दो दिन बाद फिर से लागू किया. हमने अपने सभी जेट विमानों को फिर से लंबी दूरी पर निशाना बनाकर उड़ाया.” ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 6 भारतीय जेट विमानों को मार गिराने के पाकिस्तान के दावे के बारे में पूछे जाने पर जनरल चौहान ने जवाब दिया- “बिल्कुल गलत.”
– कुमार