नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उद्यमियों को संपत्ति सृजनकर्ता कहती है।
उन्होंने कहा कि नैतिक तरीकों से उनके द्वारा अर्जित लाभ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करते हैं।
उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद व्याख्यान के 60 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रीय स्मारक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, “भारत में संपत्ति सृजन कभी भी वर्जित नहीं रहा है। हमने संपत्ति सृजन को बढ़ावा दिया है। हम संपत्ति सृजन चाहते हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में उद्यमियों को हम संपत्ति सृजनकर्ता कहते हैं। वे चोर नहीं हैं।”
पंडित उपाध्याय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। यह पार्टी ही अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रूप में सामने आई।
उन्होंने कहा, ”हम चाहते हैं कि वास्तविक नैतिक प्रथाओं द्वारा लाभ अर्जित किया जाए। इससे ही राष्ट्र के लिए संपत्ति का सृजन होगा। एक बार जब आपके पास संपत्ति होगी, तो आप श्रम को गरिमा देंगे, आप शिक्षा देंगे, आप कौशल देंगे, और आप राष्ट्र की गति और भावना को बढ़ावा देंगे।”
भारत के लिए दीनदयाल उपाध्याय के विचार को याद करते हुए, सीतारमण ने कहा कि योजना बनाते समय, हमें व्यवस्था के सबसे निचले पायदान पर मौजूद व्यक्ति को ध्यान में रखना चाहिए ताकि उसकी गरिमा को बरकरार रखते हुए उसका उत्थान किया जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा, “चाहे वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हों या फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व, इन दो प्रतिष्ठित नेताओं के नेतृत्व में हर सरकारी नीति एकात्म मानववाद को प्रतिबिंबित करती रही है।”
उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ वही है, जो आप दीन दयाल उपाध्याय द्वारा प्रचारित अंत्योदय सिद्धांत में पाते हैं।
सीतारमण ने कहा, “यदि आप सभी को गरीबी से बाहर निकालते हैं, उन्हें रोजगार देते हैं, उन्हें एक निश्चित जीवन स्तर देते हैं और उन्हें मूलभूत बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच देते हैं, तो इसके चलते वे पहले से बेहतर स्थिति में होते हैं और देश की उत्पादक क्षमताओं तक उनकी पहुंच अधिक होती है। फिर, देश का उत्पादन स्तर भी बढ़ता है।”
उन्होंने कहा कि पं. उपाध्याय के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्र की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक है और 2014 से प्रधानमंत्री मोदी रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर जोर दे रहे हैं।
भाषा पाण्डेय अनुराग
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