लखनऊ, नौ जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्य निषेध मंत्री नितिन अग्रवाल ने बुधवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के पिछले आठ वर्षों के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की छवि बदल गई है और अब इसकी पहचान उपभोक्ता के बजाय उत्पादक राज्य के रूप में स्थापित हो चुकी है।
अग्रवाल ने राजधानी लखनऊ में आयोजित आबकारी निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश अब निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बन गया है। पहले प्रदेश को उपभोक्ता राज्य कहा जाता था। आज वह छवि बदल गई है और अब इसे उत्पादक राज्य के रूप में जाना जाता है।”
इस सम्मेलन में देश-विदेश के निवेशकों, औद्योगिक समूहों और स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस निवेशक सम्मेलन में लगभग 3,600 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। कई अन्य निवेशकों ने भी इसमें रुचि दिखाई है।
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य राज्य में शराब उत्पादन, वितरण, विपणन आधारित उद्योगों और विभिन्न संबंधित क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना, संबंधित उद्योगों के लिए एक सुचारू नीतिगत वातावरण प्रदान करना और निवेशकों को नीति संबंधी जानकारी देना है।
अग्रवाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ‘इन्वेस्ट यूपी’ के जरिये प्रदेश में शराब आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए 142 प्रस्ताव प्राप्त हुए। साथ ही 135 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इन 135 एमओयू में 39,479.39 करोड़ रुपये का निवेश और 73,524 रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि 135 समझौतों में से 46 निवेशकों द्वारा भूमि क्रय के बाद शिलान्यास (जीबीसी) के लिए तैयार परियोजनाओं के मामले में संबंधित दस्तावेज ‘इन्वेस्ट यूपी’ पोर्टल पर उपलब्ध करा दिए गए हैं। इन 46 परियोजनाओं में 7,888.73 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इन 46 परियोजनाओं में से 19 इकाइयां स्थापित और चालू हैं। इनमें 2,339.6 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और 2,316 व्यक्तियों को रोजगार मिला है। कुल 27 इकाइयां अपनी स्थापना के विभिन्न चरणों में हैं।
अग्रवाल ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार और आबकारी विभाग निवेशकों को सुरक्षित, पारदर्शी और लाभकारी वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भाषा सलीम अनुराग
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