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Thursday, September 4, 2025

कटिहार ट्रेन-ट्रॉली टक्कर मामला: रेल मंत्रालय ने बिना पूर्व अनुमति के ट्रॉली चलाने पर रोक लगाई

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(जीवन प्रकाश शर्मा)

नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) रेल मंत्रालय ने सभी रेलवे जोन को निर्देश दिया है कि वे रेलवे ट्रैक के रखरखाव के लिए उस पर इंजीनियरिंग ट्रॉलियों का परिचालन शुरू करने से पहले संबंधित विभागों से पूर्व अनुमति लेने की प्रक्रिया लागू करें।

मंत्रालय का यह निर्णय बिहार के कटिहार जिले में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लगभग दो सप्ताह बाद आया है, जहां अवध असम एक्सप्रेस रखरखाव के काम में इस्तेमाल की जा रही एक ट्रॉली से टकरा गई थी, जिसमें एक रेलवे कर्मचारी की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे।

रेलवे ट्रैक अनुरक्षक संघ के अनुसार, 20 जून को नियंत्रण एवं यातायात विभाग को सूचित किए बिना ही पुश ट्रॉली को पटरी पर चलाया गया, जिससे ट्रेन उसी ट्रैक से गुजर गई, जिसके परिणामस्वरूप टक्कर हो गई।

रेल मंत्रालय ने सात जुलाई को सभी ज़ोन के महाप्रबंधकों को लिखे एक पत्र में कहा, “एक यात्री ट्रेन से मोप्ड (मोटर संचालित) ट्रॉली के टकराने की असामान्य घटना की सूचना मिली है। सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, सक्षम प्राधिकारी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि बिना ‘ब्लॉक प्रोटेक्शन’ वाली मोटर/मोप्ड ट्रॉली के संचालन पर, उस खंड में निर्धारित गति की परवाह किए बिना, तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।”

मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया कि भारतीय रेलवे स्थायी मार्ग नियमावली (आईआरपीडब्ल्यूएम) में सुधार जोड़ा जाना चाहिए, जो ट्रॉली और ट्रैक रखरखाव कार्य को नियंत्रित करता है।

पत्र में कहा गया है, “यह अनुरोध किया जाता है कि सभी संबंधितों को इसके अनुपालन के लिए निर्देशित किया जाए।”

ब्लॉक संरक्षण प्रणाली के तहत ट्रैक का रखरखाव करने वाले इंजीनियरिंग विभाग को यातायात एवं नियंत्रण विभाग को सूचित करना होगा तथा एक निश्चित समयावधि के लिए रखरखाव हेतु ट्रैक पर मोटर ट्रॉली चलाने के लिए उनकी अनुमति लेनी होगी।

नियंत्रण विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि उस विशिष्ट समयावधि के दौरान कोई रेलगाड़ी नहीं चलेगी।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आईआरपीडब्ल्यूएम में संबंधित विभाग से ‘ब्लॉक प्रोटेक्शन’ लेने के बाद ट्रैक रखरखाव कार्य शुरू करने का प्रावधान है, हालांकि, इसके साथ ही ब्लॉक की अनुमति के बिना ट्रॉली की आवाजाही शुरू करने की भी अनुमति है।

अधिकारियों ने बताया, “वरिष्ठ खंड अभियंताओं (एसएसई) को दो ट्रेनों के आवागमन के बीच के समय अंतराल को ध्यान में रखते हुए ट्रैक अनुरक्षकों के साथ मोटर ट्रॉलियां भेजने की छूट थी। हालांकि, छोटी-छोटी गलतफहमियां दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। अतीत में भी इस वजह से कई घटनाएं हुई हैं।”

भाषा प्रशांत रंजन

रंजन

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